देशभर में CAA कानून लागू होने के बाद दिल्ली में शरणार्थी खुशियां मना रहे हैं। बता दें कि मजनू का टीला, यमुना नदी के किनारे करीब 150 शरणार्थी परिवार रहते हैं। ये सभी लोग साल 2011 से यहां पर निवास कर रहे हैं। ये सभी पाकिस्तान के नागरिक हैं जो कि टूरिस्ट वीजा पर भारत आए, लेकिन वापस नहीं लौटे। साल 2019 में जब नागरिक संशोधन एक्ट संसद में पास हुआ तभी से ये लोग इस कानून के लागू होने के इंतजार में थे। आज जब कानून लागू होने की खबर मिली तो यहां के लोगों ने जमकर होली खेली। एक दूसरे को गुलाल लगाने के साथ जमकर डांस किया और खुशियां मनाईं।
पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी खुश
देश में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के लागू होने से दिल्ली में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों में ना केवल नई उम्मीद जगी है बल्कि उन्होंने राहत की भी सांस ली है। उन्होंने कहा कि वे बहुत खुश हैं कि उन्हें ‘आखिरकार भारतीय नागरिक’ कहा जाएगा। आज सोमवार को लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र ने 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए सीएए-2019 को लागू करने का ऐलान कर दिया है। सीएए नियमों के अधिसूचित होने के साथ, मोदी सरकार अब उक्त देशों से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना शुरू कर देगी। इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं।
"आखिरकार हमें भारतीय नागरिक कहा जाएगा"
दिल्ली में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवारों के मुखिया माने जाने वाले धर्मवीर सोलंकी ने बताया कि समुदाय के लगभग 500 लोगों को अब नागरिकता मिलेगी। सोलंकी ने कहा, ‘‘मैं और मेरा परिवार एक दशक से अधिक समय से इसका इंतजार कर रहे हैं। हम बेहद खुश हैं कि आखिरकार हमें भारतीय नागरिक कहा जाएगा। मुझे खुशी है कि मैंने 2013 में अपने वतन लौटने का फैसला किया।’’ सोलंकी ने आगे कहा, ‘‘ऐसा लगता है जैसे हमारे कंधों से बहुत बड़ा बोझ उतर गया है। इस अधिनियम के लागू होने से यहां रहने वाले लगभग 500 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवारों को नागरिकता मिल जाएगी।’’
सिरसा बोले, "...उनके लिए मुस्लिम देश है"
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने CAA कानून लागू होने पर देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बधाई दी। सिरसा ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक यातनाओं की वजह से देश छोड़ने को मजबूर हुए लोगों को अब नागरिकता का अधिकार मिल गया है। जो लोग विरोध कर रहे हैं या फिर इस क़ानून में मुस्लिम को शामिल करने के मांग कर रहे थे, उनके लिए मुस्लिम देश है।
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