Highlights
- "सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बड़े स्तर पर विलय से क्षेत्र में मजबूती आई है"
- "बैंकों के विलय से मजबूत और प्रतिस्पर्धी बैंक सामने आए हैं"
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या पहले ही 27 से घटकर 12 हो गई है: कांग्रेस
RBI Bulletin: कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) के बुलेटिन में प्रकाशित रिसर्च पेपर का हवाला देते हुए शुक्रवार को दावा किया कि केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय करके सिर्फ एक बैंक अस्तित्व में रखना चाहती है। कांग्रेस ने कहा कि ऐसा करना आरबीआई(RBI) की नजर में आपदा को निमंत्रण देना होगा। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘आरबीआई की चेतावनी! सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या पहले ही 27 से घटकर 12 हो गई है। सरकार की योजना इसे और कम करके शायद सिर्फ़ एक करने की है।’’
मोदी सरकार हमेशा मनमानी करती है
कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया, ‘‘आरबीआई का कहना है, ऐसा करके आपदा को निमंत्रण दिया जा रहा है। लेकिन मोदी सरकार हमेशा मनमानी करती है। नोटबंदी के लिए भी आरबीआई की बात नहीं सुनी गई।’’ उधर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कहा कि उसके बुलेटिन में प्रकाशित रिसर्च पेपर में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के धीरे-धीरे विलय के समर्थन की बात उसके विचार नहीं है बल्कि यह लेखकों की अपनी सोच है।
मजबूत और प्रतिस्पर्धी बैंक सामने आए
रिसर्च पेपर आरबीआई बुलेटिन के अगस्त में प्रकाशित हुआ है। इसमें कहा गया है, ‘‘सरकार के निजीकरण की ओर धीरे-धीरे बढ़ने से यह सुनिश्चित हो सकता है कि वित्तीय समावेश के सामाजिक उद्देश्य को पूरा करने में एक ‘शून्य’ की स्थिति नहीं बने।’’ रिसर्च पेपर में यह भी कहा गया है कि हाल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बड़े स्तर पर विलय से क्षेत्र में मजबूती आई है। इससे मजबूत और प्रतिस्पर्धी बैंक सामने आए हैं।