दिल्ली हाईकोर्ट ने राजेंद्र नगर के Rau's IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से UPSC की तैयारी कर रहे 3 अभ्यर्थियों की मौत के मामले में कथित भूमिका को लेकर एक एसयूवी चालक को गिरफ्तार करने पर बुधवार को दिल्ली पुलिस की "अजीब" जांच पर उसे फटकार लगाई और कहा कि ‘‘क्या उसका संतुलन गड़बड़ा गया है’’। हालांकि, हाईकोर्ट के कड़े शब्दों से जेल में बंद एसयूवी चालक सहित पांच आरोपियों को कोई राहत नहीं मिल पाई, और जमानत याचिका बाद में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने खारिज कर दी। दिल्ली पुलिस ने कथूरिया की जमानत याचिका का कड़ा विरोध करते हुए उसे ‘‘मस्ती-खोर’’ बताया था।
हाईकोर्ट ने जांच पर की टिप्पणी
हाईकोर्ट में, एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने कहा कि "अजीब जांच" की जा रही है, जिसमें दिल्ली पुलिस एक ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जो यहां ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर (घटना वाली जगह) के बाहर कार लेकर गुजरा था, लेकिन वह दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।
यह लीपापोती है या क्या है?
कोर्ट ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस क्या कर रही है? क्या उसका संतुलन गड़बड़ा गया है? जांच की निगरानी कर रहे उसके अधिकारी क्या कर रहे हैं? यह लीपापोती है या क्या है?’’ पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो वहां से कार लेकर गुजरा था। बताएं क्या अब तक इस घटना के लिए (एमसीडी के) किसी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया गया है। कोर्ट ने आगे कहा, "हम आपको बता रहे हैं कि एक बार अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय हो गई तो भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं होगी।"
इस मामले की जांच कौन कर रहा है?
कोर्ट ने कहा, "पुलिस कहाँ है? इस मामले की जांच कौन कर रहा है? वे किसी भी राहगीर या चालक को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आपने कार चलाई थी। क्या किसी अधिकारी को पकड़ा गया है या उससे पूछताछ की गई है? क्या उन्होंने उस अधिकारी से पूछताछ की है जिसने इस नाले से गाद नहीं निकाली है? क्या नाले से ठीक से और समय पर गाद निकाली गई थी?"
कोर्ट ने कहा, "एक तरह से बहुत ही अजीब जांच हो रही है।" कोर्ट ने घटना की जांच किसी केंद्रीय एजेंसी से कराने का संकेत दिया और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) आयुक्त, संबंधित पुलिस उपायुक्त और मामले के जांच अधिकारी (आईओ) को शुक्रवार को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया।
एक संगठन की याचिका पर सुनवाई
बता दें कि हाईकोर्ट कुटुंब नाम की एक संगठन की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें 27 जुलाई की शाम सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की मौत के मामले की जांच के लिए एक हाईलेवल कमेटी के गठन का आग्रह किया गया है। सुनवाई के दौरान बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील रुद्र विक्रम सिंह की याचिका में दिल्ली पुलिस को भी पक्षकार बनाने के निवेदन को मान लिया।
'अजीब है कि अब तक किसी भी एमसीडी अधिकारी के खिलाफ...'
कोर्ट ने कहा कि यह अजीब है कि अब तक किसी भी एमसीडी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। हमें नहीं पता कि आईओ ने गाद निकालने की प्लानिंग देखी है या स्वीकृत भवन निर्माण योजना देखी है या नहीं। हमें नहीं पता कि उसने ऐसा किया है या उसने एमसीडी अधिकारियों की भूमिका की जांच की है। इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि वह जांच की स्थिति और कोर्ट द्वारा उठाए गए सवालों पर आईओ से निर्देश लेंगे इसके बाद शुक्रवार को कोर्ट को इसकी जानकारी देंगे।
(इनपुट- PTI)
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