Tuesday, November 05, 2024
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सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों की बचाई थी जान, अब डीडीए ने रैटमाइनर के घर पर चलाया बुल्डोजर

उत्तराखंड में पिछले दिनों टनल के ढहने के बाद जिन रैट माइनर्स ने 41 मजदूरों की जान बचाने में अहम रोल निभाया था। उनमें से एक रैट माइनर वकील हसन के मकान को दिल्ली में डीडीए ने ध्वस्त कर दिया है।

Edited By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Updated on: March 01, 2024 7:25 IST
Rat miners daughter misses exam in Delhi books buried under debris after house demolition- India TV Hindi
Image Source : TWITTER दिल्ली में तोड़ा गया रैट माइनर का मकान

उत्तराखंड में पिछले वर्ष एक निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने वाली टीम का हिस्सा रहे ‘रैट-माइनर’ (खनिक) वकील हसन की बेटी की बृहस्पतिवार को होने वाली परीक्षा छूट गयी। परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि परीक्षा छूटने की वजह उनका घर तोड़े जाना है। श्री राम कॉलोनी में रहने वाले हसन की बेटी अलीजा के नोट्स, पुस्तकें सहित परिवार का सारा सामान उनके छोटे से घर के मलबे में दबा पड़ा था। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने बुधवार को श्री राम कॉलोनी में 'अतिक्रमण' हटाने का अभियान चलाया था। 

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रैट माइनर के घर को ढहाया गया

परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) की कक्षा 10वीं की छात्रा अलीजा घर तोड़े जाने के बाद से हो-हल्ले के कारण अपनी गृह विज्ञान की परीक्षा नहीं दे सकी। हसन की पत्नी सबाना ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, ''अपनी परीक्षा के दिन मेरी बेटी सड़क पर खड़ी रही। उसकी किताबें, वर्दी, नोट्स सब कुछ मलबे के नीचे कहीं दबा हुआ है।'' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग जबरन उनके घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुस आए और जब तोड़फोड़ की गई तो घर पर केवल उनकी बेटी और बेटा ही थे। सबाना ने कहा, ''जब डीडीए अधिकारी, पुलिस के साथ आए तो घर पर कोई नहीं था। घर पर अलीजा अपनी परीक्षा की तैयारी कर रही थी और मेरा बेटा अजीम मौजूद था। मकान को तोड़े जाने की सूचना मिलने पर मेरे पति और मैं आनन-फानन में घर पहुंचे।'' 

बेटी की छूट गई परीक्षा

अलीजा ने कहा कि परीक्षा छूटने के बाद उसने अपने शिक्षक से बात की, जिन्होंने उसे आश्वासन दिया कि कुछ न कुछ किया जाएगा। अलीजा के बड़े भाई अजीम ने कहा, ''कोविड-19 के दौरान मेरी पढ़ाई खराब हो गई थी लेकिन मेरी बहन पढ़ाई को लेकर बहुत उत्साहित थी। वह हमारे छोटे भाई और आसपास के घरों के बच्चों को पढ़ाती थी।'' डीडीए का कहना है कि अतिक्रमण हटाओ अभियान उस जमीन पर चलाया गया, जो 'योजनाबद्ध विकास भूमि का हिस्सा' थी। डीडीए ने स्पष्ट किया कि तोड़-फोड़ अभियान से पहले या उसके दौरान अधिकारियों को सिल्कयारा सुरंग से मजदूरों को बाहर निकालने वाले अभियान में हसन की भूमिका की जानकारी नहीं थी। 

(इनपुट-भाषा)

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