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दिल्ली के राजेंद्र नगर हादसे मामले में CBI ने शुरू की जांच, कोचिंग के CEO और को-ऑनर अभिषेक गुप्ता को बनाया आरोपी

राजेंद्र नगर हादसे के मामले में CBI ने जांच शुरू की है। सीबीआई ने अभिषेक गुप्ता को आरोपी बनाया है, इसमें और भी आरोपियों के नामों को जोड़ा जाएगा।

Reported By : Abhay Parashar Edited By : Rituraj Tripathi Updated on: August 07, 2024 19:28 IST
CBI - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV CBI ने जांच शुरू की

नई दिल्ली: राजेंद्र नगर की कोचिंग में हुए हादसे के मामले में सीबीआई ने दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को रजिस्टर्ड करके जांच शुरू कर दी है। सीबीआई ने अभिषेक गुप्ता को आरोपी बनाया है, हालांकि ये शुरुआती जांच है और आगे इसमें और भी आरोपियों के नामों को जोड़ा जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

अभिषेक गुप्ता कोचिंग सेंटर का सीईओ और को-ऑनर है और गुप्ता ने ये बिल्डिंग लीज पर ली थी। दिल्ली पुलिस ने जब अभिषेक गुप्ता से पूछा था कि बेसमेंट में लाइब्रेरी बनाने के लिए उसने कोई परमिशन ली थी और क्या वहां से निकलने का कोई एग्जिट प्लान था? तो उसने मना कर दिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था।

दिल्ली पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से 6 न्यायिक हिरासत में हैं और एक जमानत पर बाहर है। अब कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने मामला टेकओवर करके आज एफआईआर दर्ज की है और मौके पर जाकर जांच शुरू की है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने हालही में MCD को लगाई थी फटकार

दिल्ली के ओल्ड राजेद्र नगर हादसे के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई थी। इस दौरान दिल्ली हाई कोर्ट में दिल्ली  MCD कमिश्नर और DCP पेश हुए थे। MCD ने बताया था कि मामले में कार्यवाही की गई है, हमने नालों की भी सफाई की है। इस पर हाई कोर्ट ने पूछा कि क्या आपने जमीन पर जा कर निरीक्षण किया है? सभी दलीलों को सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने राजेंद्र हादसे की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि CVC का वरिष्ठ अधिकारी जांच की निगरानी करेगा। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने दिल्ली एमसीडी को फटकार भी लगाई थी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि MCD के साथ समस्या यह है कि कोर्ट के समय-समय पर आदेश देने के बावजूद वो आदेश लागू नहीं होता। अधिकारी कानून के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं जा सकते। हाई कोर्ट ने पूछा कि जूनियर इंजीनियर के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई। जिसकी ये जिम्मेदारी थी कि वो इस हिस्से को देखे। मानसून से कैसे निपटा जाए इसको लेकर कोई तैयारी नहीं की गई। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अगर हर तरफ से पूसा रोड पर पानी आता है तो पानी को कम करने को लेकर या पानी ना आए उसको लेकर क्या कार्रवाई की गई।

दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट से कहा कि पुलिस ने पूरी तत्परता से जांच की है। डीसीपी जो व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में मौजूद हैं, बताया है कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना किस तरह घटित हुई। हालांकि, पूछे गए सवालों के जवाब में, पुलिस ने यह स्वीकार किया है कि एमसीडी की फाइल आज तक जब्त नहीं की गई है और एमसीडी के किसी भी अधिकारी से पूछताछ नहीं की गई।

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