Highlights
- दिल्ली में कुल 88.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई
- 1950 के बाद से इस महीने में हुई सबसे अधिक बारिश है
- न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, शनिवार देर रात हुई बारिश के बाद इस साल जनवरी में दिल्ली में कुल 88.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जो 1950 के बाद से इस महीने में हुई सबसे अधिक बारिश है। दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘यह 1950-2022 की अवधि के दौरान जनवरी के महीने में हुई सबसे अधिक बारिश है। एक के बाद एक दो पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव से दिल्ली में 10 जनवरी तक 63 मिलीमीटर बारिश हुई थी।’
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले राजधानी में 1989 में 79.7 मिलीमीटर और 1953 में 73.7 मिलीमीटर बारिश हुई थी। बारिश के कारण शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतम तापमान 14.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम में सामान्य से सात डिग्री कम था। जनवरी के दूसरे सप्ताह से अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहा है।
न्यूनतम तापमान सामान्य के करीब और अधिक रहा। ‘स्काईमेट वेदर’ के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) एम पलावत ने बताया कि नौ जनवरी से 19 जनवरी के बीच मुख्य रूप से बादल छाए रहने और बारिश के कारण अधिक समय तक धूप नहीं निकली। सात जनवरी से नौ जनवरी के बीच हुई बारिश ने हवा में नमी बढ़ा दी जिसने कम तापमान के बीच कोहरे की स्थिति पैदा हो गई।
उन्होंने कहा, ‘कोहरे और निचले बादलों के कारण राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों के बड़े हिस्से में 16 जनवरी तक सर्द परिस्थितियां बनी रहीं। 16 जनवरी से एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ (डब्ल्यूडी) के प्रभाव से दिन का तापमान फिर से गिर गया।’ पलावत ने कहा कि दिल्ली में इस साल जनवरी में छह बार पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव देखा गया, जबकि महीने में तीन से चार बार पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव सामान्य है।
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में एक जनवरी से नौ जनवरी के बीच तीन बार पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव देखा गया। सोलह जनवरी के बाद से तीन और पश्चिमी विक्षोभ ने राष्ट्रीय राजधानी को प्रभावित किया। इसका हालिया प्रभाव 21 जनवरी को देखा गया।’ बादल छाए रहने और बारिश के कारण सूरज की किरणें धरती पर नहीं आ पातीं, जिससे दिन का तापमान कम हो जाता है। बादल दिन के दौरान होने वाली गर्मी को अवशोषित कर लेते हैं, जिससे रात का तापमान सामान्य से ऊपर रहता है।