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दिल्ली में दो बड़ी मस्जिदों को रेलवे ने हटाने का दिया नोटिस, वक्फ बोर्ड ने कहा- 1945 का कानूनी अग्रीमेंट है, कोई अतिक्रमण नहीं

उत्तर रेलवे ने दिल्ली की दो बड़ी और पुरानी मस्जिद- बंगाली मार्केट मस्जिद और तकिया बब्बर शाह मस्जिद को हटाने का नोटिस चस्पा किया था। इस नोटिस पर अब दिल्ली वक्फ बोर्ड का जवाब सामने आया है।

Reported By : Shoaib Raza Edited By : Swayam Prakash Published : Jul 22, 2023 11:47 IST, Updated : Jul 22, 2023 11:47 IST
दिल्ली की दो पुरानी मस्जिदों को रेलवे ने दिया हटाने का नोटिस
Image Source : FILE PHOTO दिल्ली की दो पुरानी मस्जिदों को रेलवे ने दिया हटाने का नोटिस

नई दिल्ली: रलवे ने दिल्ली में दो बड़ी और पुरानी मस्जिदों को हटाने के लिए नोटिस जारी किया था। उत्तर रेलवे ने इन मस्जिदों पर हटाने का नोटिस चस्पा किया था। इस नोटिस पर लिखा था कि 15 दिनों में खुद हटा लें मस्जिद वरना रेलवे हटा देगा। रेलवे ने ये नोटिस दिल्ली के बंगाली मार्केट मस्जिद और तकिया बब्बर शाह मस्जिद पर लगाया है। इस नोटिस में रेलवे ने लिखा है कि ये उनकी जमीन पर बनी है। अब इस मामले पर दिल्ली वक्फ बोर्ड ने अपना जवाब दिया है। वक्फ बोर्ड ने कहा कि मस्जिद की जमीन साल 1945 में कानून तौर पर एग्रीमेंट के तहत ट्रांसफर की गई थी।

वक्फ बोर्ड ने अपने जवाब में क्या कहा?

मस्जिद कमेटी का दावा है कि ये 250 और 500 साल पुरानी है मस्जिदे हैं। इस मामले पर कहा कि ये मस्जिद जिसके अंदर हुजरे, आंगन, शौचालय, चबूतरे आदि का कुल माप 0.095 एकड़ भूमि दिनांक 06.03.1945 को एक एग्रीमेंट के माध्यम से सुन्नी मजलिस औकाफ को काउंसिल में गवर्नर जनरल के मुख्य आयुक्त के द्वारा हस्तांतरित कर दी गई थी। ये एग्रीमेंट अतिरिक्त पुस्तक संख्या 1, खंड 95 में पृष्ठ 49 से 51 पर 278 नंबर से  रजिस्टर्ड है। इस एग्रीमेंट से ये भी पता चलता है कि हुजरे (कमरे) और एक कुआं और एक स्नानघर वाली मस्जिद समझौते की तारीख पर पहले से ही अस्तित्व में थी।

यह भी ध्यान दें कि संदर्भ के तहत वक्फ संपत्ति दिल्ली प्रशासन के राजपत्र दिनांक 16.04.1970 में विधिवत अधिसूचित है। नोटिस में उल्लेख की गई संपत्ति 123 वक्फ संपत्तियों का हिस्सा है, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा दिनांक 05.03.2014 को दिल्ली वक्फ बोर्ड के पक्ष में डिनोटिफाई किया गया था।

400 साल पुरानी है मस्जिद, कोई अतिक्रमण नहीं  
इतना ही नहीं दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इस जवाब में ये भी कहा कि मौजूदा मामले में जिस मस्जिद की बात हो रही है वह 400 साल से भी अधिक समय से अस्तित्व में है। इसलिए, यह कहना कि संदर्भित मस्जिद रेलवे भूमि पर अतिक्रमण है, तथ्यों और कानून के विरुद्ध है। न तो ये जमीन रेलवे की है और न ही संदर्भित मस्जिद अतिक्रमण है।

उपरोक्त सामग्री और तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, आपको (रेलवे) सलाह दी जाती है कि संबंधित नोटिस को तत्काल प्रभाव से वापस लें/निरस्त करें और दिल्ली वक्फ बोर्ड को सूचित करें कि संबंधित नोटिस रद्द कर दिया गया है।

मस्जिदों के अलावा मलेरिया विभाग के ऑफिस को भी नोटिस
वहीं दिल्ली में दो बड़ी मस्जिदों को रेलवे के जरिए दिए गए नोटिस मामले में एक नई जानकारी यह भी सामने आई है कि तकिया बब्बर शाह मस्जिद और बंगाली मार्केट की मस्जिद को ही नोटिस नहीं दिया गया है, बल्कि तकिया बब्बर शाह मस्जिद के करीब मौजूद नगर निगम के मलेरिया विभाग के ऑफिस को भी रेलवे ने हटाने का नोटिस दिया है और 15 दिन में इस विभाग के ऑफिस को भी हटाने की बात कही है। उत्तर रेलवे ने इस मामले में ये तो माना है कि नोटिस उन्हीं का है लेकिन कोई बयान देने से मना कर दिया है।

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