Wednesday, December 04, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. दिल्ली
  3. "AI की नहीं, AQI की बात करनी होगी", राज्यसभा में राघव चड्ढा ने दिल्ली प्रदूषण का उठाया मुद्दा, पराली पर भी बोले

"AI की नहीं, AQI की बात करनी होगी", राज्यसभा में राघव चड्ढा ने दिल्ली प्रदूषण का उठाया मुद्दा, पराली पर भी बोले

राघव चड्ढा ने राज्यसभा में प्रदूषण और पराली का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हम AI की तो बहुत बात करते हैं, लेकिन AQI की बात करनी होगी। इसके साथ ही 'आप' नेता ने कहा कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 70 फीसदी से अधिक की कमी देखी गई।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Dec 03, 2024 14:27 IST, Updated : Dec 03, 2024 14:40 IST
राघव चड्ढा - India TV Hindi
Image Source : PTI राघव चड्ढा

सर्दियां शुरू होते ही दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन जाती है। इसके साथ ही इस पर सियासत भी शुरू हो जाती है। इस बीच, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मंगलवार को राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि हम AI की तो बहुत बात करते हैं, लेकिन AQI की बात करनी होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली से ज्यादा प्रदूषण आज भागलपुर, भिवानी, मुजफ्फरनगर, हापुड़, नोएडा, विदिशा, आगरा, फरीदाबाद जैसे कई इलाकों में है, लेकिन प्रदूषण का सारा दोष देश के किसानों के ऊपर मढ़ा जाता है।

"किसान मजबूरी में पराली जलाते हैं"

उन्होंने कहा, "मैं आज देश के किसानों की बात उठाना चाहता हूं। IIT ने बताया है कि पराली जलाना प्रदूषण का सिर्फ एक कारण है, लेकिन यह वायु प्रदूषण का इकलौता कारण नहीं है।" उन्होंने कहा कि पूरा साल तो हम कहते हैं कि किसान हमारा अन्नदाता है, लेकिन जैसे ही नवंबर का महीना आता है, तो हम कहने लगते हैं कि किसान पर जुर्माना लगाया जाए। किसान मजबूरी में पराली जलाते हैं।

"पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 70 फीसदी की कमी"

राघव चड्ढा ने कहा, "राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पराली जलाए जाने की घटनाएं बढ़ी हैं। पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 70 फीसदी से अधिक की कमी देखी गई। पंजाबियों की खुराक चावल नहीं है, देश की आवश्यकता पूरी करने के लिए पंजाब ने धान की खेती की। इससे हमारा नुकसान हुआ है, जलस्तर नीचे चला गया। धान की फसल काटने के बाद जो पराली बचती है उसे हटाने के लिए केवल 10 से 12 दिन होते हैं, क्योंकि अगली फसल बोनी होती है। मशीनों से पराली निकलने पर प्रति एकड़ 2 से 3 हजार रुपये का खर्च आता है, इसलिए किसान को मजबूरन पराली जलानी पड़ती है।"

"केंद्र सरकार किसानों को प्रति एकड़ 2,000 रुपये की मदद दे"

राघव चड्ढा ने कहा, "इसके लिए मैं एक समाधान लेकर आया हूं। पराली हटाने के लिए केंद्र सरकार किसानों को प्रति एकड़ 2,000 रुपये की मदद दे और राज्य सरकार इसमें 500 रुपये की मदद देगी, तो इस समस्या का अल्पकालीन समाधान निकाला जा सकता है।

ये भी पढ़ें-

बांग्लादेश के बिगड़ते हालात पर मायावती ने जताई चिंता, मोदी सरकार से कर दी ये मांग

इंजीनियरिंग छात्रा से रेप-मर्डर, हत्यारे की मौत की सजा पर SC ने लगाई रोक, जानें क्यों

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement