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यमुना में प्रदूषण: नए BIS मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने वाले साबुन पर दिल्ली में लगा प्रतिबंध

विशेषज्ञों ने यमुना नदी में प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक कारण साबुन और डिटर्जेंट को बताया है। कई बार, दिल्ली में नदी की सतह पर तैरते जहरीले झाग के दृश्य भी सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं। 

Written by: Bhasha
Published : June 15, 2021 10:19 IST
pollution in yamuna sops that do not fullfill BIS norms banned in delhi यमुना में प्रदूषण: नए BIS मा
Image Source : PTI यमुना में प्रदूषण: नए BIS मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने वाले साबुन पर दिल्ली में लगा प्रतिबंध

नई दिल्ली. दिल्ली सरकार ने यमुना नदी में प्रदूषण को रोकने के लिए नवीनतम BIS मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने वाले साबुन और डिटर्जेंट की बिक्री, भंडारण, परिवहन और विपणन पर सोमवार को प्रतिबंध लगा दिया। गौरतलब है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने जनवरी में दो सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था, जिसने दिल्ली सरकार को "संशोधित बीआईएस मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने वाले डिटर्जेंट की बिक्री, भंडारण और परिवहन और विपणन पर प्रतिबंध लगाने" के आदेश जारी करने का निर्देश देने का सुझाव दिया था।

NGT ने घटिया साबुन और डिटर्जेंट के उपयोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता अभियान शुरू करने का भी निर्देश दिया था।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने सोमवार को जारी एक आदेश में कहा कि दिल्ली में साबुन और डिटर्जेंट की बिक्री, भंडारण, परिवहन और विपणन सुविधाओं से संबंधित दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों पर नियंत्रण रखने वाले स्थानीय निकायों, नागरिक आपूर्ति विभाग और जिला प्रशासन सहित सभी संबंधित अधिकारियों को सख्त निगरानी और औचक निरीक्षण के माध्यम से निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए।

प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने संबंधित अधिकारियों से किए गए निरीक्षणों और बाद में की गई कार्रवाई की मासिक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

विशेषज्ञों ने यमुना नदी में प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक कारण साबुन और डिटर्जेंट को बताया है। कई बार, दिल्ली में नदी की सतह पर तैरते जहरीले झाग के दृश्य भी सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार, रंगाई उद्योगों, धोबी घाटों और घरों में इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट के कारण अपशिष्ट जल में फॉस्फेट की मात्रा अधिक हो जाती है, जो यमुना में जहरीले झाग के बनने का प्राथमिक कारण है। 

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