Delhi NCR Schools may closed to Pollution:दिल्ली एनसीआर में खतरनाक स्तर तक वायु प्रदूषण के पहुंचने के बाद नोएडा में कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों को पहले ही बंद कर दिया गया है। अब एनसीआर के अन्य स्कूलों पर भी प्रदूषण का ताला लग सकता है। शुक्रवार को दिल्ली का वायु प्रदूषण 600 एक्यूआइ तक पहुंच गया है। इससे राजधानी में सांसों पर पहरा लग गया है। फेफड़ों में संक्रमण के काफी मामले सामने आ रहे हैं। बच्चों समेत युवाओं में भी सांस फूलने की दिक्कत हो रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली के भी प्राइमरी स्कूलों को बंद कर दिया है। उनकी सभी आउटडोर एक्टिविटी भी बंद रहेगी।
इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण के मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) नीत राज्य सरकार से दिल्ली में सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश देने की मांग की थी। दिल्ली भाजपा कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ‘आप’ सरकार बच्चों के जीवन से खिलवाड़ बंद करते हुए सभी स्कूल को बंद करे। पूनावाला ने कहा, ‘‘दिल्ली के अंशकालिक मुख्यमंत्री की तरह काम कर रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोगों को बताना चाहिए कि उनकी सरकार ने शहर में प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। इसके बाद केजरीवाल ने प्राइमरी तक के स्कूलों को बंद कर दिया है।
प्रदूषण पर घिरे केजरीवाल
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि अगर केजरीवाल सरकार सभी स्कूल को बंद करने का आदेश जारी नहीं करेगी तो पार्टी सड़कों पर प्रदर्शन करेगी। पराली जलाने और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण बृहस्पतिवार को राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के करीब था, जिस कारण अधिकारियों को दिल्ली और एनसीआर जिलों में डीजल से चलने वाले चार पहिया हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) के परिचालन और राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के अंतिम चरण के तहत प्रदूषण रोधी उपायों के हिस्से के रूप यह कदम उठाया गया है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने, गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों और ‘सम-विषम’ के आधार पर वाहनों के चलने पर फैसला ले सकती है। वहीं नोएडा में कक्षा आठ तक के स्कूलों को बंद करने का एलान एक दिन पहले ही किया जा चुका है। सिर्फ ऑनलाइन क्लास करने की अनुमति दी गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार वायु प्रदूषण का सबसे खतरनाक असर छोटे बच्चों पर पड़ने की आशंका जाहिर की गई है।