Monday, December 23, 2024
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दिल्ली मेट्रो के सबसे लंबे कॉरिडोर पिंक लाइन में लोग जल्द कर सकेंगे यात्रा

दिल्ली मेट्रो के सबसे लंबे कॉरिडोर पिंक लाइन में यात्रा जल्द ही हकीकत बनने वाली है, क्योंकि मयूर विहार पॉकेट-1 और त्रिलोकपुरी संजय झील के बीच ट्रैक बिछाने और अन्य चीजों पर काम शुरू हो गया है।

Reported by: IANS
Published : June 26, 2021 7:52 IST
दिल्ली मेट्रो के सबसे...
Image Source : FILE PHOTO दिल्ली मेट्रो के सबसे लंबे कॉरिडोर पिंक लाइन में लोग जल्द कर सकेंगे यात्रा

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो के सबसे लंबे कॉरिडोर पिंक लाइन में यात्रा जल्द ही हकीकत बनने वाली है, क्योंकि मयूर विहार पॉकेट-1 और त्रिलोकपुरी संजय झील के बीच ट्रैक बिछाने और अन्य चीजों पर काम शुरू हो गया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। डीएमआरसी ने बताया कि सिविल कार्यों के पूरा होने के बाद, ट्रैक बिछाने की प्रक्रिया के साथ-साथ ओवरहेड विद्युतीकरण का कार्य शुरू किया गया है।

डीएमआरसी ने एक बयान में कहा, ट्रैक बिछाने का काम जून के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद प्रारंभिक परीक्षण शुरू होने की उम्मीद है। इस विशेष खंड पर काम की प्रगति में तेजी लाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। सभी संबंधित अधिकारियों से अनिवार्य मंजूरी के बाद यह खंड तुरंत चालू हो जाएगा।

बता दें कि 58.6 किमी लंबी पिंक लाइन को 2019 में दो अलग-अलग खंडों - मजलिस पार्क से मयूर विहार-क और शिव विहार से त्रिलोकपुरी तक कार्यात्मक बनाया गया था। मयूर विहार पॉकेट-1 और त्रिलोकपुरी के बीच एक छोटा सा खंड भूमि अधिग्रहण के मुद्दे के कारण विलंबित हो गया था, जिसे अब हल कर लिया गया है।

डीएमआरसी ने कहा कि पिंक लाइन स्ट्रेच (त्रिलोकपुरी सेक्शन) पर काम में तेजी लाने के लिए, उसने पारंपरिक कंक्रीट के बजाय स्टील गर्डर का उपयोग करके एक नई निर्माण पद्धति को अपनाया है। डीएमआरसी ने कहा, कंक्रीट गर्डर्स के निर्माण के लिए कास्टिंग यार्ड की स्थापना की आवश्यकता होती और इतने कम समय के भीतर कास्टिंग यार्ड स्थापित करना संभव नहीं होता। इसलिए, इस खंड पर स्टील गर्डर स्थापित किए गए हैं। इसने आगे बताया कि 290 मीटर लंबे खंड के लिए 10 स्पैन पर कुल 40 स्टील गर्डर लगाए गए हैं। इन स्टील गर्डरों को हरियाणा के अंबाला में एक कार्यशाला में बनाया गया और फिर यहां लाया गया है।

डीएमआरसी के मुताबिक इन गर्डरों की लंबाई 16 से 38 मीटर के बीच होती है। वायडक्ट की ऊंचाई लगभग 8 से 9.5 मीटर है। डीएमआरसी के अनुसार, एक बार सारा काम और प्रक्रिया पूरी हो जाने पर, यह खंड पिंक लाइन के दो सिरों को जोड़ देगा और राष्ट्रीय राजधानी में इलाकों की एक लंबी श्रृंखला के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इस कॉरिडोर से निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, सराय काले खां आईएसबीटी, आनंद विहार रेलवे स्टेशन, आनंद विहार आईएसबीटी, दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन, दिल्ली हाट-आईएनए, सरोजिनी नगर और लाजपत नगर जैसे महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र एवं प्रमुख बाजारों से सीधा संपर्क हो सकेगा।

पिंक कॉरिडोर को चौथे चरण में मजलिस पार्क से मौजपुर तक बढ़ाया जाएगा, जिससे यह लगभग 70 किमी का भारत का सबसे लंबा सिंगल मेट्रो कॉरिडोर बन जाएगा। चौथे चरण के पूरा होने के बाद पिंक लाइन देश में मेट्रो का एकमात्र रिंग कॉरिडोर भी बन जाएगा। डीएमआरसी त्रिलोकपुरी में वायडक्ट के नीचे एक आंतरिक सड़क भी विकसित कर रहा है, जो वसुंधरा रोड को त्रिलोकपुरी रोड से जोड़ेगी।

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