दिल्ली-एनसीआर में हर पांच में से चार परिवारों ने पिछले कुछ हफ्तों में प्रदूषण से संबंधित बीमारियों का सामना करने का दावा किया है। एक नये सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है। लोकलसर्किल के इस सर्वेक्षण में कुल 19,000 प्रतिभागियों को हिस्सा बनाया गया। जिनमें से 18 फीसदी इन बीमारियों को लेकर डॉक्टर से अपनी परेशानी के बारे में बता चुके हैं। सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि इसमें शामिल 80 फीसदी परिवारों के कम से कम एक सदस्य जहरीली हवा का शिकार हो गया है और उसे सांस लेने में दिक्कतों का सामना कर रहा है।
80 प्रतिशत लोग प्रदूषण से लड़ रहे हैं
इस सर्वे में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के रहने वाले लोगों को शामिल किया गया था। इन सभी से प्रदूषित हवा को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई थी। आपको बता दें कि सर्वे में 63 प्रतिशत प्रतिभागी पुरुषों को शामिल किया गया था। सर्वे में बताया गया कि “दिल्ली-एनसीआर के हर पांच में से चार परिवारों में किसी न किसी को प्रदूषण संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से 18 प्रतिशत पहले ही डॉक्टर या अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं। बीमारी की प्रकृति से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए 80 प्रतिशत परिवारों ने कहा कि उनके सदस्य ‘प्रदूषण के कारण कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं जबकि सात फीसदी ने प्रदूषण के कारण कोई भी समस्या होने से पूरी तरह से इनकार किया।
दिल्ली छोड़ने पर मजबूर
13 प्रतिशत परिवार वायु प्रदूषण के चपेट में नहीं आए हैं क्योंकि वे इस समय दिल्ली-एनसीआर में नहीं रह रहे हैं। आपको जानकार हैरान होगी कि बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग देश की राजधानी छोड़ने पर मजबूर हो चुके हैं। कई परिवार दिल्ली को छोड़ दिया है। जबकि क्षेत्र में रह रहे अधिकांश लोग खराब स्वास्थ्य के तौर पर इसका खामियाजा भुगत रहे हैं। दिवाली के पांच दिन बाद जब इसी तरह का सवाल पूछे गए थे तब 70 फीसदी प्रतिभागियों ने शिकायत की थी कि उनके परिवार का कोई न कोई सदस्य प्रदूषण संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहा है।
पांच दिन के भीतर ऐसा कहने वाले लोगों की संख्या में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि इस अवधि में 13 प्रतिशत प्रतिभागी अस्थाई रूप से दिल्ली-एनसीआर छोड़कर बाहर चले गए हैं। ‘लोकलसर्किल’ एक सामुदायिक सोशल मीडिया मंच है, जो शासन, सार्वजनिक प्रणाली और उपभोक्ताओं के हितों से जुड़े मुद्दों पर सर्वेक्षण करता है।