नई दिल्ली. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे के भीतर देशभक्ति और राष्ट्रीयता की भावना पैदा करने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की शासकीय निकाय ने शुक्रवार को देशभक्ति पाठ्यक्रम की रूपरेखा को अंगीकार कर लिया। देशभक्ति पाठ्यक्रम मौजूदा शैक्षणिक सत्र से दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में लागू किया जाएगा।
गौरतलब है कि यह देश की आजादी का 75वां वर्ष भी है। देशभक्ति पाठ्यक्रम समिति की सिफारिशों के आधार पर एससीईआरटी के निदेशक रजनीश कुमार सिंह द्वारा देशभक्ति पाठ्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "यह जरूरी है कि हम अपने मूल्यों और कार्यों के बीच की खाई को कम करें और यह सुनिश्चित करें कि समानता, बंधुत्व और न्याय के संवैधानिक आदर्शों का पालन बच्चे अपने दैनिक जीवन में भी करें।"
LG ने दोबारा स्कूल खोलने की योजना बनाने को विशेषज्ञ समिति गठित करने को कहा
राष्ट्रीय राजधानी में अब स्कूलों को फिर से खोलने में कोई नुकसान नहीं होने का उल्लेख करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शुक्रवार को अधिकारियों को विस्तृत योजना तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश दिया। बैजल की अध्यक्षता में हुई दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक के दौरान ये निर्देश दिए गए।उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बैठक के दौरान कहा कि लंबे समय से स्कूल बंद रखने से पढ़ाई का नुकसान हुआ है और अधिकतर अभिभावक दोबारा स्कूल खोले जाने के पक्ष में हैं। बैजल ने ट्वीट कर कहा, ''स्कूलों और शिक्षण संस्थानों को दोबारा खोले जाने के संबंध में विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार एक विशेषज्ञ समिति का गठन करने के निर्देश दिए गए, जिसमें शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी शामिल रहेंगे ताकि मानक संचालन प्रक्रिया वाली एक विस्तृत योजना का मूल्यांकन एवं इसे अतिम रूप दिया जा सके।''
अधिकारियों के मुताबिक, यह समिति अभिभावकों की चिंता दूर करने, शिक्षकों एवं गैर-शिक्षण कर्मियों के टीकाकरण और स्कूलों की तैयारी का जायजा लेने के साथ ही एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया को अंतिम रूप देने का काम करेगी। बैठक में मौजूद रहे एक अधिकारी ने बताया, '' यह उल्लेख किया गया कि सैद्धांतिक रूप से स्कूलों को दोबारा खोलने में कोई हानि नहीं है। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि इस मुद्दे पर एसओपी तैयार की जाए और इसे विशेषज्ञ समिति को सौंपा जाए। स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों का टीकाकरण करने पर भी जोर दिया गया।''