Pappan Singh Gahlot: मशहूर जैविक किसान पप्पन सिंह गहलोत ने संदिग्ध हालात में मंगलवार शाम को खुदकुशी कर ली। उनका शव घर के सामने एक मंदिर परिसर में फंदे पर लटका मिला। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। शव को फंदे से उतारा जा चुका था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मौके से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें बीमारी का हवाला दिया गया है। बता दें कि पप्पन सिंह तिग्गीपुर में जैविक खेती करते थे और मशरूम उगाते थे। खास बात यह है कि पप्पन सिंह हर साल करीब 1 लाख टन मशरूम की पैदावार कर लेते थे।
मंदिर के अंदर रस्सी से लटका मिला शव
पप्पन सिंह गहलोत रोज सुबह शाम मंदिर में पूजा पाठ के लिए आते थे। मंगलवार शाम को भी वह आए और उस समय मंदिर के चारों तरफ पर्दे लटके हुए थे। जब लोगों को शक हुआ वे अंदर गए और वहां जाकर देखा तो मंदिर के अंदर रस्सी से पप्पन सिंह का शव लटका हुआ था जबकि कुर्सी पड़ी थी। मौके पर मौजूद चश्मदीद ने बताया कि पप्पन सिंह के कारण ही यहां पर मंदिर का इतना विकास हुआ था। मंदिर में उन्होंने हर तरह की व्यवस्था करी थी। वो बहुत ही शानदार और नेकदिल इंसान थे।
पप्पन सिंह ने किया था मजदूरों को फ्लाइट से दिल्ली से बिहार भेजने का इंतजाम
लॉकडाउन में पप्पन सिंह उस समय सुर्खियों में आए जब उन्होंने अपने मजदूरों को फ्लाइट से दिल्ली से बिहार भेजने का इंतजाम किया। यही नहीं, लॉकडाउन खत्म होने के बाद 27 मजदूरों को फ्लाइट से ही वापस बुलाया। पप्पन सिंह की प्रेरणादायक कहानी खुद बॉलीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित अपने कार्यक्रम में रिकॉर्ड कर चुकी हैं।
हर साल उगाते थे करीब 1 लाख टन मशरूम
आपको बता दें कि पप्पन सिंह के यहां 10 मजदूर काम करते थे, उन सभी को उन्होंने कोरोना लॉकडाउन में काम बंद होने के बाद अपने पैसे से हवाई जहाज का टिकट खरीदकर घर भेजा था। इसमें उनके 68 हजार रुपये खर्च हुए थे। दिल्ली के मशरूम किसान की दरियादिली की पूरे देश में तारीफ हुई थी। पप्पन सिंह हर साल करीब 1 लाख टन मशरूम उगाते थे। उनका कहना था कि सरकार मशरूम की खेती पर थोड़ा ध्यान दे तो बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार दिया जा सकता है।