नई दिल्ली: ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कथित जमाखोरी के मामले में गिरफ्तार व्यवसायी नवनीत कालरा को शुक्रवार को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने जमानत दे दी। कोर्ट ने कालरा को यह जमानत एक लाख के निजी मुचलके पर दी है, और साथ ही यह शर्त रखी है कि वह जमानत के दौरान किसी भी गवाह से नहीं मिलेंगे। कालरा के वकील ने कोर्ट को सुनवाई के दौरान बताया कि हम पर कालाबाजारी का आरोप लगाया जा रहा है कि हमने ज्यादा पैसों में यह कंसंट्रेटर बेचे जबकि जो कंसंट्रेटर मैंने 60 हजार रुपये में लोगों को बेचे वही ऐमेज़ॉन और इंडिया मार्ट पर 89000 और 95000 तक में बेचे जा रहे हैं।
‘हमसे महंगे में कंसंट्रेटर बेच रहे हैं ऐमेजॉन और इंडियामार्ट’
कालरा के वकील ने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को आज भी मुझसे ज्यादा रेट में बेच रहे हैं। कालरा के वकील विकास पाहवा ने कहा कि मैं या फिर मैट्रिक्स कंपनी अकेली नहीं थी जिसने चीन से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मंगा कर लोगों को दिए। बहुत सारे और लोगों ने भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर चीन से ही मंगाए, और इसी कंपनी के मंगाए। आरोपी नवनीत कालरा की तरफ से कालाबाजारी और जमाखोरी के आरोपों का खंडन किया गया था और कोर्ट को बातया है कि दूसरों के मुकाबले कम कीमत पर उसने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बेचे।
पुलिस ने कई धाराओं में कालरा पर दर्ज किया है मामला
इससे पहले पुलिस ने कहा था कि कालरा के रेस्तरां से जब्त कंसंट्रेटर चीन से आयातित थे और उन्हें 16 हजार से 22 हजार रुपये के बजाय 50 हजार से 60 हजार की कीमत पर बेचा जा रहा था। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कोविड-19 मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण उपकरण माने जाते हैं और संक्रमण की दूसरी लहर में इनकी भारी मांग है। पुलिस ने कालरा और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 188 (लोकसेवक के आदेश की अवज्ञा), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 34 (समान मंशा) के तहत तथा आवश्यक सामग्री अधिनियम और महामारी रोग कानून के तहत आरोप लगाए हैं।