नई दिल्ली: ईडी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की 10 दिन की रिमांड मांगी है। वहीं ईडी की तरफ से कोर्ट को सौंपी गई रिमांड कॉपी भी सामने आ गई है। इसमें ईडी ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली उत्पाद शुल्क घोटाले के सरगना और मुख्य साजिशकर्ता हैं। अरविंद केजरीवाल कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए आबकारी नीति 2021-22 तैयार करने की साजिश में शामिल थे और उक्त नीति में लाभ देने के बदले में शराब व्यवसायियों से रिश्वत मांगने में भी शामिल थे। ईडी ने रिमांड में कहा है कि अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के गोवा चुनाव अभियान में अपराध की कमाई का इस्तेमाल करने में शामिल हैं, जिसके वह संयोजक और अंतिम निर्णय निर्माता हैं। इसके साथ ही कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल सीधे तौर पर उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के निर्माण में शामिल थे।
ईडी ने रिमांड में कहा कि यह नीति साउथ ग्रुप को दिए जाने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए तैयार की जा रही थी और इसे श्री विजय नायर, मनीष सिसौदिया और साउथ ग्रुप के सदस्यों-प्रतिनिधियों की मिलीभगत से बनाया गया था। ईडी ने रिमांड में कहा कि श्री मनीष सिसौदिया के तत्कालीन सचिव अरविंद का 07.12.2022 का बयान है जिसमें उन्होंने खुलासा किया है कि, मार्च 2021 के मध्य के आसपास, श्री मनीष सिसौदिया ने उन्हें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर बुलाया और लगभग 30 पन्नों का दस्तावेज सौंपा। जो कि जीओएम रिपोर्ट का मसौदा था।
ईडी ने रिमांड में कहा कि श्री अरविंद केजरीवाल के साथ उनके घर पर सत्येन्द्र जैन और श्री मनीष सिसौदिया भी मौजूद थे। तब श्री मनीष सिसौदिया ने उन्हें बताया कि यह आधार दस्तावेज है जिस पर अंतिम जीओएम रिपोर्ट बनाई जानी है। इसके अलावा ईडी ने रिमांड में कहा कि श्री बुच्ची बाबू (सुश्री के कविता के सीए) का दिनांक 23.02.2023 का बयान, जिसमें उन्होंने खुलासा किया है कि श्री अरुण पिल्लई नीति निर्माण पर श्री विजय नायर के साथ काम कर रहे थे और श्री विजय नायर सुश्री के के पक्ष में प्रावधान की पेशकश कर रहे थे। कविता. कि, श्री विजय नायर श्री अरविंद केजरीवाल और श्री मनीष सिसौदिया के लिए काम कर रहे थे।
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