दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में शनिवार को राव आईएएस कोचिंग सेंटर की बेसमेंट लाइब्रेरी में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इसके बाद छात्र सड़कों पर आ गए। मामला कोर्ट तक पहुंचा। दिल्ली पुलिस ने राव आईएएस कोचिंग सेंटर के सीईओ और मालिक अभिषेक गुप्ता और उसके को-ऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के तुरंत बाद दोनों को मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
अब मामले में राऊ आईएएस के वकील मोहित सराफ का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, "हम जो पेशकश कर रहे हैं, वह प्रत्येक छात्र को 50 लाख रुपये का मुआवजा है, जिन्होंने अपनी जान गंवाई है। 25 लाख रुपये तुरंत और 25 लाख रुपये सीईओ के बाहर आने पर। मैंने यह भी वादा किया है कि अगले हिस्से का भुगतान छह महीने के भीतर किया जाएगा। अलग-अलग लोगों की अलग-अलग उम्मीदें हैं, मैं एक संदेशवाहक हूं।"
ड्रेनेज की व्यवस्था नहीं
बता दें कि राव कोचिंग सेंटर की दिल्ली, जयपुर और बंगलुरु में ब्रांच हैं। कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता ने स्वीकार किया है कि बेसमेंट में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं थी, जिसके कारण दुर्घटना हुई। अभिषेक गुप्ता से पुलिस ने बेसमेंट में लाइब्रेरी की परमिशन के डॉक्यूमेंट मांगे, जो कि अभिषेक के पास नहीं थे। अभिषेक ने कबूल किया कि बेसमेंट में ड्रेनेज की कोई व्यवस्था नहीं थी।
एफआईआर के अनुसार, जब रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ तो स्लिट बेसमेंट में 3 फीट पानी था। छात्र नीचे बेसमेंट में फंस गए थे, जहां लाइब्रेरी चल रही थी। एनडीआरएफ की टीम शवों को निकालने के लिए बेसमेंट में गई, जबकि DFS ने पानी बाहर निकालने में मदद की।
कैसे हुई घटना?
पुलिस ने बताया कि दिल्ली अग्निशमन विभाग को शनिवार शाम करीब 7.0 बजे राव आईएएस स्टडी सेंटर और करोल बाग इलाके में जलभराव की सूचना मिली थी। पुलिस को बताया गया कि दो या तीन छात्र बाढ़ वाले बेसमेंट में फंसे हुए हैं। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो उन्होंने बेसमेंट में काफी पानी भरा हुआ पाया। जब पानी को बाहर निकालने का प्रयास किया गया तो शुरुआत में बाधा आई, क्योंकि बारिश का पानी बेसमेंट में जाता जा रहा था।
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