नई दिल्ली। चांदनी चौक में स्थित हनुमान मंदिर को गिराए जाने के बाद उस पीपल के पेड़ को भी काट दिया गया है, जिसके नीचे यह मंदिर मौजूद था। गुरुवार रात 11 बजे एमसीडी और PWD के कर्मचारियों की मौजूदगी में ये पेड़ काटा गया। प्रशासन की इस कार्रवाई से स्थानीय लोगों में भारी रोष है। मंदिर गिराए जाने को लेकर लोगों में पहले से दिल्ली सरकार के खिलाफ नाराजगी थी, अब पेड़ काटे जाने के बाद यह नाराजगी और बढ़ गयी है।
हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के मकसद से काटा पेड़
स्थानीय लोगों का कहना है कि हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के मकसद से ऐसा किया गया है। दरअसल हनुमान मंदिर और पीपल के पेड़ को चांदनी चौक इलाके के सौंदर्यीकरण के चलते हाईकोर्ट के आदेश पर हटाया गया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस पेड़ को उसी स्थान पर रहना था। चांदनी चौक पुनर्विकास पर योजना को लेकर अधिकारियों ने आश्वस्त किया था कि चांदनी चौक में मौजूद किसी भी पेड़ को काटा नहीं जाएगा। बल्कि इस मुगलकालीन शहर को और हरा-भरा किया जाएगा। उसमें भी यह पीपल का पेड़ था जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई थी।
कोर्ट से स्टे के बावजूद पेड़ काटा गया
बता दें कि, यह पुराना पीपड़ का पेड़ उसी जगह से हटाया गया। जिस जगह पर पहले हनुमान मंदिर था। जहां पिछले रविवार को प्रशासन ने भारी फोर्स की मौजूदगी मंदिर को अतिक्रमण बताते हुए तुड़वा दिया था। अब उस मंदिर से सटे पेड़ को भी रातो रात हटा दिया गया। प्रशासन से जुड़े लोगों के मुताबिक यह पेड़ फतेहपुरी मस्जिद से लाल किला तक के मुख्य मार्ग के बीच आ रहा था। इससे चल रहे विकास कार्य में बाधा आ रहीं थी, इसलिए हटाया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि कोर्ट से स्टे के बावजूद पेड़ काटा गया। बता दें कि अभी हाल में ही चांदनी चौक के एतिहासिक हनुमान मंदिर को हटाया गया था, जिसे फिर से बनवाने की मांग चल रही है। भाजपा-आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही हैं। वही विश्व हिंदू परिषद ने इसको लेकर प्रदर्शन किया था।