नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस मरीजों के लिए बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के मकसद से 10 से 49 बिस्तरों की क्षमता वाले सभी छोटे एवं मध्यम मल्टी स्पेशियलिटी नर्सिंग होम को 'कोविड-19 नर्सिंग होम' घोषित किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार के इस निर्णय से 5000 से अधिक बेड करोना के लिए उपलब्ध हो जाएँगे। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में हमारे अधिकारी हर नर्सिंग होम के मालिक से बात करके उनकी समस्याओं को भी दूर करेंगे। सरकार द्वारा शनिवार को जारी आदेश के मुताबिक, विशेष रूप से आंख, नाक, कान एवं गले (ईएनटी) का इलाज करने वाले केंद्रों, डायलिसिस केंद्रों, प्रसूति गृहों और आईवीएफ केंद्रों को ही इससे फिलहाल छूट दी गई है।
इसमें कहा गया, ''छोटे और मध्यम मल्टी स्पेशियलिटी नर्सिंग होम (10 से 49 बिस्तर वाले) में कोविड और गैर-कोविड मरीजों के एक-दूसरे के परस्पर सपंर्क में आने से बचने के लिए और कोविड-19 के मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के ऐसे सभी नर्सिंग होम को कोविड-19 नर्सिंग होम घोषित किया गया है, जिनकी बिस्तर क्षमता 10 से 49 है।'' आदेश के मुताबिक, ऐसे सभी नर्सिंग होम को आदेश जारी होने के बाद तीन दिन के अंदर अपने कोविड-19 बिस्तरों को तैयार करना होगा और ऐसा करने में विफल रहने वालों को दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण (संशोधन) नियम, 2011 के नियम 14 में संलग्न अनुसूची की उपधारा 14.1 के उल्लंघन का दोषी माना जाएगा।
इससे पहले सरकार ने 24 मई को 50 या इससे अधिक बिस्तरों वाले 117 नर्सिंग होम/निजी अस्पतालों को निर्देश दिया था कि वे अपने कुल बिस्तरों में से 20 प्रतिशत बिस्तर कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित रखें। यह अनुमान है कि 30 जून तक कोविड-19 मरीजों के लिए 15,000 से अधिक बिस्तरों की आवश्यकता होगी और जुलाई के पहले पखवाड़े के अंत में 33,000 बिस्तरों की आवश्यकता होगी।