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LNJP अस्पताल में कोविड का कोई मरीज नहीं, मार्च 2020 के बाद पहली बार ऐसा हुआ: सत्येंद्र जैन

सत्येंद्र जैन ने ट्वीट किया, ‘‘तीसरी लहर के सभी कोविड-19 मरीजों के सफल इलाज के बाद उन्हें एलएनजेपी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। मार्च, 2020 के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है, जब अस्पताल में कोविड-19 का कोई मरीज नहीं है। इस समर्पित सेवा के लिए पूरी चिकित्सा बिरादरी को सलाम।’’

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 17, 2022 18:01 IST
Satyendar Jain, Delhi Health Minister.- India TV Hindi
Image Source : @SATYENDARJAIN Satyendar Jain, Delhi Health Minister.

Highlights

  • दिल्ली में कोविड-19 का पहला मामला मार्च 2020 में सामने आया था
  • अब हमारे अस्पताल में एक भी संक्रमित मरीज भर्ती नहीं है- डॉ. सुरेश कुमार
  • LNJP अस्पताल के चिकित्सा निदेशक ने स्वास्थ्य कर्मियों की सराहना की

नयी दिल्ली: कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले दिल्ली सरकार द्वारा संचालित लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में इस समय कोविड-19 का कोई मरीज भर्ती नहीं है और मार्च 2020 के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। दिल्ली में कोविड-19 का पहला मामला मार्च 2020 में सामने आया था और इसके बाद से एलएनजेपी अस्पताल ने बड़ी संख्या में कोविड-19 के घरेलू और विदेशी मरीजों का उपचार किया है। 

सत्येंद्र जैन ने ट्वीट किया, ‘‘तीसरी लहर के सभी कोविड-19 मरीजों के सफल इलाज के बाद उन्हें एलएनजेपी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। मार्च, 2020 के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है, जब अस्पताल में कोविड-19 का कोई मरीज नहीं है। इस समर्पित सेवा के लिए पूरी चिकित्सा बिरादरी को सलाम।’’ मध्य दिल्ली में स्थित ब्रिटिश काल के इस अस्पताल में 2,000 बिस्तर हैं और मार्च 2020 की शुरुआत में दिल्ली में कोविड-19 का पहला मामला सामने आने के बाद इसे कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिये समर्पित अस्पताल के रूप में तब्दील कर दिया गया था। 

एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने इस उपलब्धि का श्रेय वैश्विक महामारी के ‘‘सफल प्रबंधन’’ में मदद करने वाले ‘‘सभी चिकित्सकों, नर्स एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दिखाए गए समर्पण और साथ मिलकर काम करने की भावना’’ को दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिल्ली के अलावा अन्य जगहों के मरीजों का भी उपचार किया। साथ ही हमने डेल्टा और ओमीक्रोन स्वरूपों के कारण आई वैश्विक महामारी की क्रमश: दूसरी और तीसरी लहर में भी हमारे अस्पताल में लाए गए मरीजों का उपचार किया। अब हमारे अस्पताल में एक भी संक्रमित मरीज भर्ती नहीं है। ऐसा दो साल में पहली बार हुआ है।’’ 

कुमार ने कहा, ‘‘हमने पहली लहर के अनुभवों से बहुत कुछ सीखा और दूसरी लहर के दौरान कोविड प्रबंधन में इसे लागू करना शुरू कर दिया। हमने प्रणाली को केंद्रीकृत किया और ऑक्सीजन लाइन को सीधे बिस्तरों तक लाया गया, जिससे लोगों की जान बचाने में मदद मिली।’’ इस दौरान कुमार समेत अस्पताल के कर्मी स्वयं भी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए। कुमार ने इस संक्रमण से निपटने के लिए डट कर खड़े रहने वाले अपने साथी चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की सराहना की। दिल्ली में इस साल 13 जनवरी को रिकॉर्ड 28,867 मामले सामने आए थे, लेकिन अब इन मामलों में कमी आ रही है। 

स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार को जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों में बताया कि दिल्ली में कोविड-19 के 144 नए मामले सामने आए, जबकि एक और मरीज की संक्रमण से मौत हो गई। आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण के 18,63,345 मामले सामने आए हैं, जबकि 26,144 लोगों की इससे मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने बृहस्पतिवार को जारी एक बुलेटिन में बताया कि दिल्ली के अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए 10,316 बिस्तर हैं, जिनमें से केवल 91 पर मरीज हैं। 

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