जमीयत उलेमा ए हिन्द ने वक्फ संसोधन बिल के खिलाफ संविधान संरक्षण सम्मेलन का आयोजन किया। यह कार्यक्रम दिल्ली के गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हजारों लोग शामिल हुए। मौलाना अरशद मदनी, महमूद मदनी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और दूसरे मुस्लिम संगठन से जुड़े हुए लोग यहां पहुंचे। जमीयत उलेमा ए हिन्द क़े यूपी अध्यक्ष मौलाना अशहद रशीदी ने कहा कि इन लोगों की निगाह मदरसों पर है।
मौलाना अशहद रशीदी ने कहा "हम कहते हैं कि मदरसों को मत छेड़ो। जब तक मदरसे हैं, तभी तक आजादी है। जब मदरसों का वजूद नहीं रहेगा तो धरती का भी वजूद खत्म हो जायेगा। क्योंकि मदरसों ने आजादी में सबसे अहम किरदार निभाया था। ये लोग हमारे नबी की शान में गुस्ताखी करते हैं और चाहते हैं कि मुसलमान हिंसा करें और सड़कों पर आ जाएं, लेकिन हमें कानून हाथ में नहीं लेना है।" अरशद मदनी, बोर्ड के अध्य्क्ष सैफल्लाह रेहमानी, TDP के उपाध्य्क्ष नवाब जान भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
अरशद मदनी का बयान
अरशद मदनी ने कहा "हम अगले महीने आंध्र प्रदेश में 5 लाख मुसलमानों का बड़ा सम्मलेन करेंगे और अपनी बात चंद्र बाबू नायडू क़े सामने बात रखी रखेंगे। क्योंकि वो सरकार में शामिल हैं। हम चाहते हैं नीतीश, चंद्र बाबू नायडू और चिराग पासवान वक्फ बोर्ड संसोधन बिल का विरोध करें। इस कार्यक्रम के दौरान जमीयत उलेमा ए हिन्द की तरफ से दावा किया गया कि वक्फ संसोधन बिल के खिलाफ 24 नवंबर को पटना में होने वाली रैली में नीतीश कुमार शामिल होंगे।
संसद की समिति के पास है बिल
सरकार ने वक्फ बोर्ड से जुड़े नियमों में बदलाव के लिए वक्फ संशोधन बिल पेश किया था। विपक्षी दलों के विरोध के बाद इसे संसद की समिति के पास भेज दिया गया है। संयुक्त समिति इस बिल के प्रावधानों को लेकर बहस कर रही है। समिति की रिपोर्ट पेश होने के बाद सरकार बदलाव के साथ नया बिल संसद में पेश करेगी।