नई दिल्ली: दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में स्थित निगमबोध घाट पर तत्काल दाह संस्कार करवाने और चिता की लकड़ी के लिये कथित तौर पर अवैध रूप से काफी ज्यादा रकम वसूले जाने का मामला सामने आया है। बता दें कि निगमबोध घाट दिल्ली-NCR के सबसे पुराने श्मशान घाटों में से एक है। घटना से जुड़े एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कई मामलों में 50 हजार रुपये तक की अतिरिक्त राशि ली गई। दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं और अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।
‘मृतक के परिजनों से मोटी रकम वसूलते हुए पाया गया’
यह मामला गुरुवार को तब सामने आया जब मेयर निरीक्षण के लिए गई थीं। दिल्ली नगर निगम (MCD) के अधिकारी के मुताबिक, कई गैर सरकारी संगठनों को अंतिम संस्कार के नाम पर मृतक के परिवार के सदस्यों से मोटी रकम वसूलते हुए पाया गया, जो इसके कामकाज को नियंत्रित करने वाले समझौता ज्ञापन या MoU के प्रावधानों का उल्लंघन है। अधिकारी ने बताया कि महापौर ने MCD की नाक के नीचे हो रही इन अवैध गतिविधियों पर चर्चा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और निगमबोध घाट की प्रबंध समिति के साथ बैठक की।
‘लकड़ियों के लिए 20 हजार रुपये तक एक्स्ट्रा लिए गए’
अधिकारी ने कहा,‘श्मशान घाट में VIP दाह संस्कार और त्वरित सेवाओं के लिए 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त राशि ली जा रही है। श्मशान घाट में नियमों के खिलाफ लकड़ी काटने की मशीन भी लगी हुई पाई गई।’ अधिकारी ने कहा कि पीपल के पेड़ों की लकड़ी का इस्तेमाल अतिरिक्त पैसे लेकर दाह संस्कार के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा,‘अंतिम संस्कार में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी के लिए 15,000 रुपये से 20,000 रुपये की अतिरिक्त रकम ली जा रही थी।’ अधिकारियों ने बताया कि चिता की लकड़ी के लिये MCD 7 रुपये प्रति किलो की दर से कीमत लेता है। (भाषा)