दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में हुई पुलिस और वकीलों के बीच भिड़ंत का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। इस बीच बार एसोसिएशनों ने सोमवार को दिल्ली में सभी जिला अदालतों में 24 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया है। इससे पहले रविवार को सुनवाई के दौरान अपने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से घटना की न्यायिक जांच कराने का आदेश दिया। घटना के संबंध में मीडिया में आयी खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल एवं न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने रविवार को कहा कि उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) एस पी गर्ग मामले में न्यायिक जांच करेंगे।
दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (डीएचसीबीए) के सदस्यों से सोमवार को काम का बहिष्कार करने और विरोध का समर्थन करने का अनुरोध किया गया है। डीएचसीबीए प्रत्येक अदालत में प्रॉक्सी वकील की प्रतिनियुक्ति करेगा और प्रॉक्सी वकील की सूची विधिवत प्रसारित की जाएगी. डीएचसीबीए ने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीएन पटेल से इस घटना की तत्काल न्यायिक जांच के आदेश देने और आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करने का आग्रह किया। वकीलों के एसोसिएशन ने मांग की है कि आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से दिये गए न्यायिक जांच के आदेश का स्वागत करते हुए बार काउंसिल आफ इंडिया ने अधिवक्ताओं से शांति और सद्भाव बनाये रखने का आग्रह किया है । बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र ने बयान जारी कर कहा, ‘‘इस संवेदनशील मामले में बार की शिकायत के समाधान के मद्देनजर दिल्ली उच्च न्यायालय ने जिस तरह से सकारात्मक एवं त्वरित कदम उठाया है, बीसीआई देश के अधिवक्ताओं से शांति एवं सद्भाव बनाये रखने का तथा मंगलवार पांच नवंबर से अदालत में कामकाज का बहिष्कार नहीं करने और अनुपस्थित नहीं रहने का आग्रह करता है ।’’
बयान में कहा गया है कि बीसीआई और बार संघ उच्च न्यायालय के आदेश से ‘‘संतुष्ट’’ हैं । इसमें कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने बार काउंसिल के बयान को काफी हद तक स्वीकार कर लिया है । इसमें कहा गया है, ‘‘दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से परित ऐतिहासिक आदेश का बीसीआई स्वागत करता है ।’’ शनिवार को दोपहर बाद तीस हजारी अदालत में पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच झड़प हो गयी थी । इस मामले में उच्च न्यायालय ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए रविवार को कहा कि उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एस पी गर्ग मामले की जांच करेंगे ।