नई दिल्ली: दिल्ली में कुछ बंदरों ने ऐसा आतंक मचा रखा है कि आम लोगों से लेकर बड़े-बड़े मंत्री और नेता तक दहशत में है। आलम ये है कि बाकायदा सर्कुलर जारी कर नेताओं को बंदरों से बचने की नसीहत दी गई है। लोकसभा सचिवालय के सर्कुलर में सासंदों को संसद परिसर में बंदरों से सावधान रहने की सलाह दी गई है। इन बंदरों ने नेताओं के घरों पर कब्ज़ा जमा रखा है और इनके चलते लोगों के दिलों में डर बसा रहता है कि कहीं कोई इनका शिकार ना बन जाए।
11 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पहले जारी सर्कुलर में लिखा है, ‘’संसद परिसर में बंदर सामने आए तो उससे आंख न मिलाएं और बंदर से डर कर ना भागें वरना वो हमला कर सकता है। बंदर को मारने या डराने की कोशिश न करें। अगर बंदर दिखे तो चुपचाप निकल जाएं और खाने पीने की चीजें लेकर बिल्कुल ना निकलें।‘’
बंदरों से पीड़ित माननीयों की लिस्ट काफी लंबी है। इनमें 4 साउथ एवेन्यू लेन में रहने वाले महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण भी है जिन्होंने अपने घर को ज़ालियों और शीशों से ढक दिया है। 1 त्यागराज मार्ग पर रहने वाले मोदी सरकार में मंत्री सदानंद गौडा भी हैं। साउथ एवेन्यू के लगभग हर मकान पर बंदरों का कब्ज़ा है। दिल्ली के निर्माण भवन से विज्ञान भवन तक बंदरों का ऐसा कोहराम है कि लोग दहशत में हैं। आलम ये है कि नेता अब तो घरों से भी निकलने में खौफ खाते हैं।
वैसे ऐसा नहीं है कि बंदरों को रोकने के लिए कोई कोशिश नहीं हुई। जुलाई 2014 में राज्य सभा में उस वक़्त शहरी विकास मंत्री रहे वेंकैया नायडु ने बताया था कि एनडीएमसी बंदरों को भगाने के लिए रबर की गोलियों का इस्तेमाल कर रही है और 40 ट्रेंड लोगों को बंदर भगाने का काम सौंपा गया है। ह्यूमन लंगूर कहलाने वाले ये लोग मुंह से लंगूर की आवाज़ निकालकर बंदर भगाते हैं।