उच्च न्यायालय ने दिल्ली हिंसा मामले पर सुनवाई करते हुए सॉलिसीटर जनरल से कहा कि वे पुलिस आयुक्त से, भाजपा के तीन नेताओं द्वारा कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने को कहें। इससे पहले उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस मुरलीधर और तलवंत सिंह ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, डीसीपी (अपराध) को फटकार लगाते हुए कहा कि क्या उन्होंने भाजपा नेता कपिल मिश्रा का कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण का वीडियो क्लिप देखा है। इसके बाद अदालत ने उस क्लिप को अदालत कक्ष में चलाया गया। फिलहाल इस मामले में 2.30 बजे फिर से सुनवाई होगी।
उच्च न्यायालय ने दिल्ली के हालात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बाहर के हालात बहुत ही खराब हैं। कोर्ट ने सुवाई करते हुए पुलिस अधिकारी से पूछा कि क्या आपने बीजेपी नेता के वो वीडियो देखें हैं जिस आधार पर उनपे FIR दर्ज करने की मांग की गई है। इस पर पुलिस अधिकारी ने कहा मैंने दो वीडियो देखें हैं लेकिन कपिल मिश्रा का वीडियो नहीं देखा। इस पर फटकार लगाते हुए जज ने कहा कि आपके ऑफ़िस में इतने टीवी हैं और आप कह रहे हैं कि आपने वो वीडियो नहीं देखी? यह बहुत चिंताजनक है। दिल्ली पुलिस की स्थिति के लिए मैं बहुत चिंतित हूँ।
जज ने कोर्ट में ही वीडियो दिखाए जाने के लिये कहा। कोर्ट रूम में वीडियो प्ले किया गया। वीडियो देखने के बाद कोर्ट में मौजूद पुलिस अधिकारी ने वीडियो में दिख रहे सब-इन्स्पेक्टर को पहचाना।