नयी दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनावों एक बार फिर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपना दबदबा बनाए रखा। एबीवीपी के उम्मीदवारों ने अध्यक्ष पद सहित कुल तीन पदों पर जीत हासिल कर ली है, जबकि कांग्रेस की छात्र ईकाई महज एक सीट हासिल कर सकी।
शुरुआती रुझानों में एबीवीपी सभी चारों सीटों पर आगे चल रही है। बता दें कि पिछले साल एबीवीपी ने 4 में से 3 सीटें जीती थीं। बता देें कि गुरुवार को हुए मतदान में 39.90 प्रतिशत छात्रों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। यह मतदान पिछले साल के मुकाबले करीब चार प्रतिशत कम है। नतीजे शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे। पिछले साल 44.46 प्रतिशत छात्रों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। डूसू के चार पदों के लिए हुए मतदान में ईवीएम में गड़बडी के आरोप भी लगे। आरएसएस संबद्ध एबीवीपी ने 35 कॉलेज संघों में जीत का दावा किया है जबकि कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई ने 22 कॉलेज संघों में जीत मिलने की बात कही।
चार महिलाओं सहित 16 प्रत्याशियों की किस्मत इस चुनाव में दांव पर है और इसके लिए 52 मतदान केंद्र बनाए गए थे। करीब 1.3 लाख छात्र चुनाव में मतदान करने के लिए योग्य थे। 144 ईवीएम छात्र संघ चुनाव के लिए और 137 ईवीएम कॉलेज संघ चुनाव के लिए इस्तेमाल की गईं। प्रात: कालीन कक्षाओं के लिए मतदान सुबह साढ़े नौ बजे शुरू हुआ और दोपहर एक बजे खत्म हुआ। सांध्यकालीन कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों के लिए दोपहर तीन बजे मतदान शुरू हुआ और यह शाम साढ़े सात बजे खत्म हुआ।
कम मतदान ने बढ़ाई चिंता
कुछ नेताओं ने कहा कि गर्मी और उमस के साथ कॉलेजों में छुट्टी की वजह से मतदान प्रतिशत कम रहा। चुनाव की वजह से गुरुवार को छुट्टी घोषित की गई थी, इसलिए छात्र मतदान करने नहीं आए। हालांकि, विधि विभाग, मिरांडा हाउस और रामजस कॉलेज में मतदान करने के लिए लंबी कतारें दिखीं।
कहीं बहस, कहीं झड़प, कहीं हिरासत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल ने करीब साढ़े ग्यारह बजे नॉर्थ कैम्पस का दौरा किया और युवा मतदाताओं से बातचीत की। कॉलेजों और मतदान केंद्रों के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं ने अंतिम समय तक छात्रों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की जिसकी वजह से विरोधी प्रत्याशियों के बीच बहस हुई। एनएसयूआई ने दावा किया कि संयुक्त सचिव पद के उसके उम्मीदवार अभिषेक चपराना को दक्षिण दिल्ली के दयाल सिंह कॉलेज में मतदान केंद्रों पर नहीं जाने दिया गया। संगठन ने दावा किया कि चपराना को ‘‘गैरकानूनी ढंग से हिरासत’’ में लिया गया है। हालांकि पुलिस ने कहा कि यह उम्मीदवार कॉलेज के बाहर प्रचार कर रहा था जिसकी इजाजत नहीं थी। पुलिस ने कहा कि जब उसे प्रचार करने से रोका गया तो उसने पुलिसकर्मियों के साथ खराब बर्ताव किया, इसलिए उसे हिरासत में लेना पड़ा।
ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप
एनएसयूआई ने आर्यभट्ट कॉलेज में ईवीएम में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया। संगठन की राष्ट्रीय प्रभारी रुचि गुप्ता ने ट्वीट किया, ‘‘फिर आर्यभट्ट कॉलेज में ईवीएम में गड़बड़ी की गई जैसा एनएसयूआई के खिलाफ होता रहा है। जब एनएसयूआई प्रत्याशी के पक्ष में बटन दबाया जा रहा था तो ईवीएम में मत पंजीकृत होने की जानकारी देने वाली बत्ती नहीं जली। हमारे प्रतिनिधि और जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।’’ चुनाव समिति सदस्य ने बताया कि मत डालने के दौरान बत्ती जलने में कुछ समस्या आई जिसके बाद ईवीएम को बदल दिया गया।