नयी दिल्ली। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने व्यावसायिक भवन में छोटी इकाइयों के खरीददारों को शुक्रवार को राहत देते हुए उन्हें अपनी संपत्ति फ्रीहोल्ड कराने की स्वीकृति दी है। अधिकारियों ने बताया कि यहां राजनिवास में उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में शहरी निकाय के अधिकारियों की बैठक में यह फैसला लिया गया।
डीडीए ने एक बयान में कहा, “डीडीए व्यावसायिक केंद्रों के विकास के लिए बने व्यावसायिक प्लॉटों की नीलामी करता है। डेवलपर या नीलामी में खरीद करने वाला व्यक्ति ऐसे भूखंडों पर व्यावसायिक इमारतों को निर्माण करता है और अलग-अलग लोगों को दुकानें, घर, जगहें बेचता है। “डीडीए की लीज की शर्तों के मुताबिक नीलामी में खरीद करने वाला व्यक्ति पट्टेदार होने के नाते ऐसी दुकानों या जगहों को आगे बेचता है लेकिन अपार्टमेंट संबंधी दस्तावेज इन खरीददारों के पक्ष में नहीं लिखता है जिससे संपत्ति पर मालिकाना हक अधूरा रहता है और यह किसी और को बेचा नहीं जा सकता।”
अधिकारियों ने बताया कि अधिकरण ने तय किया कि अगर डेवलपर उन्हें संपत्ति बेचने का हक नहीं देता तो वह डीडीए का रुख कर सकते हैं। साथ ही बिल्डर की इच्छा न हो तब भी ऐसी जगहों को फ्रीहोल्ड करा सकते हैं। डीडीए ने अपनी पुरानी सूची के करीब 500 मकानों के लिए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी के लोगों के लिए विशेष ऑनलाइन आवास योजना लाने की भी घोषणा की।