नई दिल्ली। 16 व 17 अप्रैल की दरमियानी रात पुलिस ने सघन जांच के दौरान एक ट्रक को रोक कर उसकी तलाशी ली तो सबकी आंखें फंटी रह गईं। इस ट्रक में सामान के साथ 37 जिंदा लोग भी सवार थे, जो छुपकर दिल्ली से बाहर जाने की कोशिश कर रहे थे। बताया जा रहा है कि ये सभी लोग ओखला मंडी और छतरपुर मंडी में काम करते थे और लॉकडाउन की वजह से यहां काम बंद होने से परेशान थे।
पुल प्रहलादपुर पुलिस थाने के अंतर्गत ओखला टी प्वाइंट पर तैनात पुलिस कर्मियों ने रात डेढ़ बजे एक ट्रक को संदेह के आधार पर रोका, जिसका नंबर है एचआर 38 जेड 0530 है। जांच के दौरान पुलिस को ट्रक में छुपे हुए 37 श्रमिक मिले।
पूछताछ के दौरान पता चला कि ब्रजेश नाम का ठेकेदार, जिसकी उम्र 50 साल है और पलवल, हरियाणा में रहता है, वह इन श्रमिकों को दिल्ली से हरियाणा की पलवल मंडी में लेकर जा रहा था। यह ठेकेदार मूलरूप से बिहार के लखी सराय का रहने वाला है। ठेकेदार ब्रजेश भी इन श्रमिकों के साथ ट्रक में मौजूद था।
जांच में यह भी पता चला है कि ठेकेदार ने इन श्रमिकों को ओखला मंडी और छतरपुर मंडी से एकत्रित कर उन्हें पलवल मंडी में काम दिलाने का लालच दिया था। ये सभी श्रमिक बिहार के रहने वाले हैं और यहां छतरपुर मंडी में अस्थायी तौर पर रहते हैं।
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा और महामारी कानून की धाराओं 188, 269 और 270 के तहत मामला दर्ज किया है।