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मनीष सिसोदिया ने कहा-'परंपराओं के बोझ से दबी है नई शिक्षा नीति'

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति की खामियां गिनाते हुए कहा है कि यह नीति पुरानी समझ, परंपराओं के बोझ से दबी है

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : July 30, 2020 21:28 IST
परंपराओं के बोझ से दबी है नई शिक्षा नीति: मनीष सिसोदिया
Image Source : ANI/TWITTER परंपराओं के बोझ से दबी है नई शिक्षा नीति: मनीष सिसोदिया 

नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति की खामियां गिनाते हुए कहा है कि यह नीति पुरानी समझ, परंपराओं के बोझ से दबी है और उससे मुक्त नहीं हो पाई है। मनीष सियोदिया ने कहा कि यह नीति भविष्य की जरूरतों की बात तो करती है लेकिन लोगों तक कैसे पहुंचेगी इसे लेकर भ्रमित है। 

उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति का मकसद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एजेंडा लागू करना है। इससे पहले बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नयी शिक्षा नीति(एनईपी) को मंजूरी दी, जिसमें स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किये गए हैं। साथ ही, शिक्षा क्षेत्र में खर्च को सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत करने तथा उच्च शिक्षा में साल 2035 तक सकल नामांकन दर 50 फीसदी पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नयी नीति में बचपन की देखभाल और शिक्षा पर जोर देते कहा गया है कि स्कूल पाठ्यक्रम के 10 + 2 ढांचे की जगह 5 + 3 + 3 + 4 की नयी पाठयक्रम संरचना लागू की जाएगी, जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 साल की उम्र के बच्चों के लिए होगी। इसमें 3-6 साल के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान है, जिसे विश्व स्तर पर बच्चे के मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण चरण के रूप में मान्यता दी गई है। 

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में नयी शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि 34 साल से शिक्षा नीति में परिवर्तन नहीं हुआ था, इसलिए यह बेहद महत्वपूर्ण है। कैबिनेट ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम पुन: शिक्षा मंत्रालय करने को भी मंजूरी दे दी। गौरतलब है कि वर्तमान शिक्षा नीति 1986 में तैयार की गयी थी। नयी शिक्षा नीति का विषय 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल था । 

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