नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने रविवार को देर रात ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी में फंसे बिजनेसमैन नवनीत कालरा को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि, बीते दिनों नवनीत कालरा के ऑफिस से बड़ी संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद हुए थे। बरामदगी के बाद से नवनीत कालरा फरार चल रहे थे। लैब में हुई जांच में पता चला कि नवनीत कालरा के कब्जे से मिले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर महज 38 परसेंट ऑक्सीजन दे पाते हैं। दिल्ली के मशहूर खान चाचा रेस्टोरेंट के मालिक नवनीत कालरा को क्राइम ब्रांच ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि, कालरा ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन उसे वहां से राहत नहीं मिली थी।
दिल्ली की एक अदालत ने कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक ऑक्सीजन सांद्रकों को जब्त करने के संबंध में कारोबारी नवनीत कालरा को अग्रिम जमानत देने से बीते गुरुवार को इनकार कर दिया। ये ऑक्सीजन सांद्रक राष्ट्रीय राजधानी में ‘खान चाचा’ समेत उसके कई रेस्त्रां से बरामद किए गए थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप गर्ग ने आदेश देते हुए कहा, ‘‘अर्जी खारिज की जाती है।’’ गिरफ्तारी की आशंका पर कारोबारी ने इस हफ्ते की शुरुआत में मामले में जमानत मांगते हुए अदालत का रुख किया था।
बता दें कि, हाल में मारे गए छापे के दौरान कालरा के तीन रेस्त्रां से 524 ऑक्सीजन सांद्रक बरामद किए गए थे और ऐसा संदेह है कि वह अपने परिवार के साथ दिल्ली छोड़कर चला गया है। ऑक्सीजन सांद्रक कोविड-19 के इलाज में अहम चिकित्सा उपकरण हैं। अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों पर सुनवाई करने के बाद बुधवार को गिरफ्तारी पूर्व जमानत पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने याचिका का विरोध किया और अदालत को बताया कि कालरा से हिरासत में पूछताछ की जरूरत है और उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वह प्रभावशाली व्यक्ति है। लोक अभियोजक ने कहा, ‘‘उसका इरादा बड़े पैमाने पर जनता से धोखाधड़ी करने और गलत तरीके लाभ कमाने का था। अगर दिल्ली पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश नहीं किया होता तो कई लोग ठगे जाते।’’
अभियोजन ने अदालत को प्रयोगशाला की एक रिपोर्ट के बारे में भी बताया जिसमें दिखाया गया कि जब्त किए गए ऑक्सीजन सांद्रक काम नहीं कर रहे, वे खराब गुणवत्ता के हैं और उनकी काम करने की क्षमता केवल 20.8 प्रतिशत है। आरोपी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने अदालत से पूछा कि कैसे उनके मुवक्किल पर अत्यधिक दामों पर ऑक्सीजन सांद्रक बेचने का आरोप लगाया जा सकता है जब सरकार ने इसकी कोई कीमत तय नहीं की है। वरिष्ठ वकील ने कहा कि अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कालरा को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।