Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. दिल्ली
  3. दिल्ली में कोरोना वायरस के 25 नये मामले सामने आये, दो की मौत

दिल्ली में कोरोना वायरस के 25 नये मामले सामने आये, दो की मौत

दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि पिछले साल मार्च के बाद अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को उन्हीं स्कूलों में समायोजित किया जाए। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : August 19, 2021 21:34 IST
Delhi records 25 new cases of COVID-19, two fatalities
Image Source : PTI राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 25 नये मामले सामने आये।

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 25 नये मामले सामने आये और संक्रमण दर अब 0.04 फीसदी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से साझा किये गये आंकड़ों से इसकी जानकारी मिली है। आंकड़ों के अनुसार राजधानी में दो लोगों की महामारी से मौत के बाद यहां मरने वाले वालों की संख्या बढ़ कर 25,079 पर पहुंच गयी है। सोमवार को संक्रमण के कारण किसी की मौत नहीं हुयी थी और कोविड-19 के दूसरे लहर के बाद से यह दसवां मौका था जब राजधानी में एक दिन में कोई मौत नहीं हुयी है। 

इस साल दो मार्च को राजधानी में कोरोना संक्रमण से किसी मौत की सूचना नहीं मिली थी। उस दिन संक्रमण के 217 नये मामले सामने आये थे और संक्रमण दर 0.33 फीसदी था। बुधवार को शहर में संक्रमण के 36 नये मामले सामने आये थे जबकि 4 लोगों की मौत हो गयी थी। इस बीच दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि पिछले साल मार्च के बाद अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को उन्हीं स्कूलों में समायोजित किया जाए। 

यह निर्देश डीडीए या सरकार द्वारा आवंटित जमीन पर चल रहे निजी स्कूलों को जारी कर दिया गया है। शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने एक आधिकारिक आदेश में कहा, “सभी जिलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि मार्च, 2020 के बाद कोविड-19 या अन्य कारण से जो बच्चे अनाथ हो गए हैं। ऐसे बच्चों को स्कूल में अपनी शिक्षा जारी रखने में सक्षम बनाने के लिए उचित ध्यान देने की आवश्यकता है।”

डीओई ने कहा कि ऐसे छात्रों को उसी स्कूल में समायोजित किया जा सकता है, अगर वे डीडीए या सरकार द्वारा आवंटित भूमि पर चल रहे हैं। ऐसे छात्रों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग श्रेणी के तहत माना जा सकता है और शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रतिपूर्ति का भुगतान किया जा सकता है तथा आठवीं कक्षा के बाद उन्हें किसी भी सरकारी स्कूल में प्रवेश दिया जा सकता है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार, लगभग 5,500 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में वायरस के कारण अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया है। विभाग ने 268 ऐसे बच्चों की पहचान की है जो कोविड महामारी के दौरान अनाथ हो गए। 

ये भी पढ़ें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement