इजरायली सेना गाजा पट्टी में घुस चुका है। आईडीएफ एक-एक कर हमास के आतंकियों को मार रहा है। इस मामले पर दुनिया दो धड़े में बटी हुई है। इसी बीच ऑल इंडिया जमीयत उलेमा की तरफ से फिलिस्तीन मुद्दे पर बैठक की गई है। इस बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष समेत तमाम मौलवी शामिल हुए। भारत सरकार द्वारा फिलिस्तीन में राहत-बचाव के लिए मेडिकल सुविधा भेजे जाने पर जमीयत ने पीएम मोदी व भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। लेकिन इजरायल और फिलिस्तीन के बीच यूएन में सीजफायर पर भारत के स्टैंड पर नाराजगी जाहिर की है।
फिलिस्तीन में मरने वालों की तुलना भगत सिंह से
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम के प्रस्ताव पर वोटिंग की गई। इस वोटिंग में भारत ने हिस्सा नहीं लिया। बता दें कि जमीयत की इस बैठक का मुद्दा रहा कि फिलिस्तीन के समर्थन में कैसे दुआ पढ़ी जाए और इजरायली उत्पादों को बायकॉट किया जाए। इजराय के साथ हुए बर्बरता और उनसे सहानुभूति पर जमीयत के मौलानाओं ने कहा कि इसे मजहब का रंग न दिया जाए। इंसानियत के नाते हम यह आंदोलन कर रहे हैं। इस बैठक में फिलिस्तीन में मरने वालों की तुलना भारतीय स्वतंत्रता सेना शहीद भगत सिंह से की गई।
दानिश अली ने दिया बयान
बता दें कि इजरायल और फिलिस्तीन के ही मामले पर बसपा के सांसद दानिश अली ने कहा कि बहुत सारे पत्थर दिल लोग तो मासूम बच्चों के कत्लेआम पर भी खुश हो रहे हैं या लाशों की गिनती कर रहे हैं। मैंने कभी अपनी कल्पना में भी नहीं सोचा था कि भारत मजलूमों को उनके हाल पर छोड़ देगा और उन जालिमों के साथ खड़ा नजर आएगा। जो हिंसा में विश्वास करते हैं उनकी नजर में मासूम बच्चे, बेबस महिलाएं और बुजुर्ग सब उनके दुश्मन हैं और दुनिया ने उन्हें सबको मिट्टी में मिला देने का लाइसेंस दे दिया है।