Highlights
- मुंडका अग्निकांड में अब तक गईं 27 जानें
- नहीं थी कमर्शियल गतिविधि की इजाजत
- MCD ने दिया था लाइसेन्स, कागजों में सील
Mundka Fire: मुंडका अग्निकांड को लेकर दिल्ली सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी में बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिस इमारत में भीषण आग लगी वहां किसी भी तरह की कमर्शियल गतिविधि की इजाजत नहीं थी फिर भी MCD ने ही इसे लाइसेन्स दिया था। हैरान की बात ये है कि अभी तक ये बिल्डिंग कागजों में सील है।
MCD ने ही दिया था लाइसेन्स
सूत्रों की मानें तो ये लाल डोरे की गांव की जमीन है। यहां कोई भी कमर्शियल गतिविधि की अनुमति नहीं होती है। लेकिन 2016 में MCD ने यहां कमर्शियल लाइसेन्स दे दिया था। जिसके बाद 2017 में किसी ने इसकी शिकायत की तो फिर MCD ने ही बिल्डिंग का लाइसेन्स कैंसिल कर दिया। लेकिन लाइसेन्स रद्द होने के बावजूद भी इमारत में व्यापारिक गतिविधि चलती रही।
बिना नक्शा पास हुए बनी इमारत
दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई मोनिटरिंग कमिटी ने इस बिल्डिंग को सील करने का आदेश दिया और पेनेल्टी लगाई थी। फिर MCD ने पेनेल्टी लेकर मोनिटरिंग कमिटी को जमा कराई लेकिन मोनिटरिंग कमिटी ने इमारत को डीसील करने का कोई आदेश नहीं दिया। लेकिन यहां व्यापारिक गतिविधि चलती रही। अभी तक ये बिल्डिंग कागजों में सील है। सूत्रों ने ये भी बताया कि इस बिल्डिंग का कोई नक्शा भी पास नहीं है। दिल्ली में बिना MCD से नक्शा पास हुए कोई इमारत नहीं बन सकती तो फिर ये बिल्डिंग कैसे बनी?
बिल्डिंग के पास नहीं था फायर NOC
दिल्ली के मुंडका क्षेत्र में जिस व्यावसायिक इमारत में आग लगी थी, उसमें एक ही एंट्री और एग्जिट गेट था जो हताहतों की अधिक संख्या का कारण हो सकता है। अग्निशमन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारी ने कहा कि इमारत के लिए अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) भी नहीं था।