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Mundka Fire Accident: दिल्ली में पहले भी हो चुके हैं भीषण अग्निकांड, जानिए कब कितने लोग मारे गए?

 दिल्ली में आग लगने की यह कोई पहली घटना नहीं हैं। पहले भी आग के कई भीषण हादसों से दिल्ली झुलस चुकी है। ऐसे हादसों में लोगों को अपनी जान गंवाना पड़ी है। 

Written by: Abhay Parashar @abhayparashar
Published on: May 14, 2022 6:53 IST
Mundka Fire Accident- India TV Hindi
Image Source : PTI Mundka Fire Accident

Highlights

  • रिहाइशी इलाकों में चल रही हैं फैक्टरियां, कई मजदूर करते हैं काम
  • कई इलाके बहुत संकरे, दमकल वाहनों को होती है परेशानी
  • अतिक्रमण के कारण समय पर पहुंचना फायरकर्मियों के लिए बड़ी चुनौती

Mundka Fire: दिल्ली में एक बार फिर भीषण आग लगने की घटना हो गई। कल शुक्रवार शाम दिल्ली के पश्चिमी इलाके में मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास स्थित 3 मंजिला कमर्शियल बिल्डिंग में लगी आग से 27 लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य झुलस गये। पीएम मोदी ने भी इस हादसे पर खेद शोक जताया है। दिल्ली में आग लगने की यह कोई पहली घटना नहीं हैं। पहले भी आग के कई भीषण हादसों से दिल्ली झुलस चुकी है। ऐसे हादसों में लोगों को अपनी जान गंवाना पड़ी है। जानिए आग लगने के हादसे दिल्ली में पहले कब—कब हुए और कितने लोगों की मौत हुई। ये भी जानिए कि आग बुझाने के लिए दमकल विभाग को किन कारणों से मुश्किलें पेश आती हैं।

दमकल विभाग को आग बुझाने में क्यों आती है परेशानी?

दिल्ली में एक तरफ एमसीडी अवैध निर्माण, कब्जा हटाने के लिए बुलडोजर चला रही है, लेकिन दूसरी ओर हकीकत ये भी है कि एमसीडी और पुलिस की लापरवाही कहा जाए या कुछ और, पूरी दिल्ली के हर इलाके में अवैध कब्जे कराए गए और कई सालों तक किसी ने सुध ही नहीं ली। इसका नतीजा यह निकलता है कि जब आग लगने की घटना होती है तो घरों के हिसाब से फायर फाइटर भेजा जाता है, लेकिन वहां जाकर पता चलता है कि रिहाइशी इलाके में घरों के अंदर फैक्टरी चल रही है और फैक्टरी में कई लोग काम कर रहे हैं। ऐसे संकरे इलाकों में जब आग का हादसा होता है तो फिर कई जानें चली जाती हैं। दूसरी बात यह भी है कि यदि इतना अवैध कब्जा और अतिक्रमण होता है ​तो कई इलाकों में तो दमकल वाहन भी आसानी से प्रवेश नहीं कर पाता है। इस कारण काफी मुश्किलें पेश आती हैं। 

जानिए दिल्ली में क्या है आग के हादसों के पिछले कुछ वर्षों का इतिहास?

  1. 8 दिसंबर 2019 रानी झांसी रॉड अनाज मंडी में आग लगी थी। आग लगने की सूचना मिली थी तो बाद में पता चला कि वहां इंटरकनेक्ट नाम की एक फैक्ट्री थी। यहां आग से 43 लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए थे। यह इलाका इतना संकरा था कि यहां दमकल वाहन को पहुंचने में ही अनावश्यक समय लग गया था।
  2. 12 फरवरी 2019 को करोलबाग के अर्पित होटल में आग 17 लोगों की मौत हुई थी।
  3. 21 जनवरी 2018 को बवाना में पटाखा फैक्ट्री में आग 17 मौतें हुईं।
  4. 20 नवंबर 2011 नंदनगरी में एक कार्यक्रम में आग से 14 लोगों की जानें चली गई थीं।
  5. 13 जून 1997 उपहार सिनेमा में आग लगने का बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें 59 लोगों की मौत हुई थी।
  6. 13 मई 2022 को यानी कल मुंडका सीसीटीवी फैक्ट्री में आग लगने से 27 लोगों की मौत हुई और 12 घायल हो गए।

मृतकों के परिजन को मिलेगा मुआवजा

गौरतलब है कि आग की घटना के बाद प्रधानमंत्री ने शोक जताया है। इस दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों एवं घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक, आग की सूचना शाम 4 बजकर करीब 40 मिनट पर मिली जिसके बाद दमकल की 24 गाड़ियां मौके पर भेजी गई थी।

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