दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति के चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एमसीडी में नेता विपक्ष बीजेपी पार्षद राजा इकबाल सिंह ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई है। इस याचिका में मेयर शैली ओबेरॉय पर नियमों और परम्पराओं के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। याचिका में कहा गया है कि उपराज्यपाल के आदेश के बावजूद स्थाई समिति का चुनाव पांच अक्टूबर तक टालना सुप्रीम कोर्ट के पांच अगस्त के आदेश की अवमानना है।
भाजपा ने दिल्ली नगर निगम की 18 सदस्यीय स्थायी समिति की एकमात्र रिक्त सीट पर शुक्रवार को निर्विरोध जीत हासिल की क्योंकि सत्तारूढ़ आप और कांग्रेस के पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। भाजपा उम्मीदवार सुंदर सिंह को पार्टी के सभी 115 पार्षदों के वोट मिले, जबकि आप की निर्मला कुमारी को कोई वोट नहीं मिला।
एमसीडी में बीजेपी के 10 सदस्य
स्थायी समिति दिल्ली नगर निगम के संबंध में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। इस चुनाव परिणाम के साथ, भाजपा के पास अब समिति में 10 सदस्य हैं जबकि सत्तारूढ़ आप के पास केवल आठ हैं। यह पहली बार है कि चुनाव आप और कांग्रेस पार्षदों की भागीदारी के बिना हुआ। भाजपा पार्षद कमलजीत सहरावत के पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी।
केजरीवाल ने बीजेपी पर जनादेश चुराने का आरोप लगाया
आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भाजपा की जीत के बाद आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने नगर निकाय पर गलत तरीके से कब्जा कर लिया है और जनादेश चुरा लिया है। दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि नियमों के मुताबिक केवल महापौर ही एमसीडी सदन की बैठक बुला सकते हैं, लेकिन उपराज्यपाल ने इसे बदल दिया और नगर निकाय के अतिरिक्त आयुक्त को ऐसा करने का निर्देश दिया। उन्होंने भाजपा पर ‘‘गुंडागर्दी’’ का सहारा लेने का आरोप लगाया और पूछा कि ‘‘क्या यह चुनाव है?’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि नियम के मुताबिक बैठक से 72 घंटे पहले हर पार्षद को नोटिस भेजना होता है, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।