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Delhi News: दिल्ली सरकार ने 15 वर्षों में MCD को नहीं दिया एक भी पैसा, 1.5 लाख करोड़ रुपए देने का किया था वादा

Delhi News: दिल्ली नगर निगम के संज्ञान में आया है कि निगम द्वारा ठोस कचरे के निस्तारण एवं लैंडफिल साइटों को समतल करने की दिशा में निगम के प्रयासों के विरुद्ध एक दुर्भावनापूर्ण अभियान चलाया जा रहा है। निगम को मिलने वाली राशि के संबंध में भी झूठे दावे किए जा रहे हैं।

Edited By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Published : Oct 20, 2022 23:21 IST, Updated : Nov 10, 2022 15:40 IST
DELHI MCD
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Highlights

  • 15 वर्षों में दिल्ली सरकार से 1.5 लाख करोड़ रुपए की राशि नहीं प्राप्त हुई
  • दिल्ली नगर निगम लगातार लेगेसी कचरे का निस्तारण कर रहा है
  • इस लक्ष्य की 2 साल की तय अवधि में पूरा कर लिया जाएगा

Delhi News: दिल्ली नगर निगम को पिछले 15 वर्षों में 1.5 लाख करोड़ रुपए की राशि देने के दावे में अंशमात्र भी सच्चाई नहीं है। दिल्ली नगर निगम को राज्य विधानसभा के अनुमोदन के पश्चात बजट आवंटित किया जाता है जिसका इस्तेमाल स्वच्छता के अलावा अन्य मदो में भी किया जाता है जिसके संबंध में दिल्ली नगर निगम द्वारा दिल्ली सरकार को उपयोगिता प्रमाणपत्र भी दिया गया था जिसे दिल्ली सरकार द्वारा स्वीकार किया गया था। जिससे ये सिद्ध होता है कि फंडों के दुरुपयोग संबंधी सभी आरोप झूठे हैं और ये आरोप सिर्फ निगम की छवि को धूमिल करने के लिए लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप धनराशि उपलब्ध कराने संबंधी आदेशों का भी दिल्ली सरकार ने पालन नहीं किया है।

16 नई सैनिटरी लैंडफिल साइट बनाने संबंधी झूठे दावे का सिरे से खण्डन किया

दिल्ली नगर निगम के ऊपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि निगम दिल्ली में 16 स्थानों पर नई सैनिटरी लैंडफिल साइट स्थापित कर रहा है। निगम सभी आरोपों को झूठा एवं आधारहीन करार देते हुए सिरे से नकारता है। इन आरोपों के संबंध में निगम स्पष्ट करना चाहता है कि निगम कोई भी नई सैनेटरी लैंडफिल साइट नही बना रहा है। बल्कि निगम भलस्वा, गाजीपुर एवं ओखला में स्थित लैंडफिल साइटों को समतल करने की दिशा में भरसक प्रयास कर रहा है। निगम को यह बताते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि कुछ स्थानों पर कचरे के ढेर की ऊंचाई 10 से 15 मीटर तक काम कर दी गई है। लैंडफिल साइट को समतल करने में निगम कोई भी कसर नहीं छोड़ रहा है। निगम ने लैंडफिल साइटों की ऊंचाई को कम करने के लिए 45 ट्रोमेल मशीनों को स्थापित किया है, इनर्ट और निर्माण एवं विध्वंस कचरे को मुफ्त में देने, उद्योगों को रिफ्यूज ड्रिवेन फ्यूल (आरडीएफ) की बिक्री से लेकर नागरिकों को स्रोत पर कचरे के पृथककरण एवं सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए प्रेरित करना जैसे कई उपाय किए गए हैं।

निगम लैंडफिल साइटों को समतल करने के लिए प्रगतिशील है

दिल्ली नगर निगम ने तीनों लैंडफिल साइटों से 77 लाख मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण किया है,विभिन्न हितधारकों द्वारा 21000 मीट्रिक टन इनर्ट एवं सी एवं डी कचरा निशुल्क उठाया गया है। सीमेंट उद्योग द्वारा प्रतिदिन 100 मीट्रिक टन आरडीएफ उठाया जा रहा है। तेहखंड स्थित वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र के उदघाटन के साथ ही निगम की कचरा निस्तारण की क्षमता 8250 मीट्रिक टन प्रतिदिन हो जायेगी जोकि दिल्ली से प्रतिदिन निकलने वी कूड़े का 75% है। निकट भविष्य में 175 मीट्रिक टन क्षमता के एमआरएफ स्थापित होने बाद निगम की कचरा निस्तारण की क्षमता का संवर्धन होगा। निगम लगातार कचरा उत्पादन एवं कचरा निष्पादन की खाई को पाटने की दिशा में कार्य कर रहा है। दिल्ली नगर निगम लैंडफिल साइटों को समतल करने का कार्य दो साल की तय समयावधि में पूरा कर लेगा। निगम दिल्ली को कचरा मुक्त शहर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा नागरिकों के सहयोग से इस दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली की अधिक से अधिक कॉलोनियां जीरो वेस्ट कॉलोनी बनने की दिशा में प्रयत्नशील हैं तथा संस्थानों एवं कार्यालयों के जुड़ने से इस अभियान का दायरा व्यापक हो गया है।

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