नई दिल्ली: दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने रविवार को अपने कार्यालय पर सीबीआई के छापे पर एक आधिकारिक बयान जारी किया है और इस पूरी कार्रवाई को द्वेषपूर्ण बताया है। उन्होंने बताया कि कैसे सीबीआई ने दूसरे शनिवार (आधिकारिक अवकाश) पर उनके कार्यालय पर छापा मारा और कॉन्फ्रेंस रूम से एक कंप्यूटर जब्त करने के लिए सचिव को हाथ से लिखा हुआ नोटिस दिया।
सिसोदिया ने कहा, 'सीबीआई दुर्भावनापूर्ण तरीके से मुझे फंसाने की कोशिश कर रही है, हैश वैल्यू दिए बिना एक कंप्यूटर जब्त कर लिया गया है। कल दूसरा शनिवार था, इसलिए मेरा कार्यालय बंद था, जबकि सीबीआई के कुछ अधिकारियों ने टेलीफोन पर मेरे पर्सनल सेक्रेटरी को कार्यालय आने के लिए कहा और उसे खोलने के लिए कहा।
सिसोदिया ने अधिकारियों पर लगाए दुर्भावना के आरोप
सिसोदिया ने कहा कि जब मेरे पर्सनल सेक्रेटरी दोपहर लगभग 3 बजे कार्यालय पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि सीबीआई अधिकारियों की एक टीम मेरे कार्यालय में पहले से ही मौजूद थी। सीबीआई अधिकारियों ने उनसे कार्यालय खोलने और उन्हें कॉन्फ्रेंस रूम में ले जाने के लिए कहा। जैसे ही वे कॉन्फ्रेंस रूम में पहुंचे, उन्होंने वहां एक कंप्यूटर देखा और इसे चालू करने के लिए कहा।
सिसोदिया ने बताया कि इसके बाद अधिकारियों ने मेरे पर्सनल सेक्रेटरी को धारा 91 सीआरपीसी के तहत एक नोटिस सौंपा। इसके बाद, निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना मेरे कार्यालय के कॉन्फ्रेंस रूम से सीपीयू को जब्त कर लिया गया। नोटिस को देखने से लग रहा था कि ये नोटिस सचिव को हाथ से लिखा गया था, और फौरन संपत्ति (सीपीयू) को जब्त कर लिया गया, जो अधिकारी के दुर्भावना को दर्शाता है।