दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 26 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी गई है। राउज ऐवन्यू कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को 11 बजे होगी। कोर्ट ने आरोपियों से उन दस्तावेजों की लिस्ट देने का निर्देश दिया है, जिनकी जांच अभी पूरी नहीं हुई है। इससे पहले कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी थी।
ईडी मामले में बढ़ाई गई हिरासत
सिसोदिया की यह न्यायिक हिरासत शराब नीति से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामले में बढ़ाई गई है। मनीष सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी CBI ने 26 फरवरी, 2023 को घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। ईडी ने 9 मार्च, 2023 को CBI की FIR से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया।
सीबीआई और ईडी का आरोप
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम पर CBI के साथ-साथ ED ने भी आरोप लगाया है कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते वक्त अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंस बढ़ाया गया।
सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला?
इससे पहले मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर 15 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। इस दौरान ED ने कोर्ट में याचिका का विरोध करते हुए कहा कि गंभीर मामलों में ट्रायल में देरी आरोपी के लिए जमानत का आधार नहीं हो सकती। ईडी ने कहा, “अगर सिसोदिया के वकील सिर्फ ट्रायल में देरी को लेकर जमानत के लिए दबाव बना रहे हैं, तो इस मुद्दे को लेकर उनको हलफनामा देना चाहिए।" ईडी ने कहा कि पहले भी हमने अदालत को बताया है कि बड़ी संख्या में आवेदन दायर किए गए थे और इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि मुकदमा कछुए की गति से आगे बढ़ रहा है।
कोर्ट ने 12 अप्रैल को सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर हफ्ते भर में अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। सिसोदिया की ओर से चुनाव में प्रचार के लिए जमानत पाने के लिए याचिका लगाई गई थी। इस पर दोनों जांच एजेंसियों ने अपने-अपने तर्क रखे और जमानत याचिका का विरोध किया। मामले में अब 20 अप्रैल को सीबीआई की दलीलें सुनी जाएंगी। इसके बाद कोर्ट जमानत याचिका पर फैसला देगा।
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