नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब जेल से बाहर आ चुके हैं। सिसोदिया शुक्रवार की देर शाम दिल्ली की तिहाड़ जेल से बाहर निकले जहां आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। बता दें कि आज सुबह ही सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत दी थी और कानूनी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद अब वह जेल से बाहर आ चुके हैं। इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया का रिलीज ऑर्डर जारी किया था, और तिहाड़ जेल में रिलीज ऑर्डर पहुंचते ही उन्हें रिहा कर दिया गया।
रिहा होने के बाद सीएम केजरीवाल के आवास जाएंगे
तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद मनीष सिसोदिया अब सीधे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास जाएंगे। माना जा रहा है कि सिसोदिया इसके बाद अपने आवास पर जाएंगे। बता दें कि अरविंद केजरीवाल भी शराब घोटाला केस में तिहाड़ जेल में ही बंद हैं। तिहाड़ में 17 महीने बिताकर रिहा हुए मनीष सिसोदिया ने जेल से बाहर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया। सिसोदिया ने इस मौके पर कहा कि आजाद मनीष सिसोदिया का आप सभी को नमस्कार, 17 महीने तक आप सभी ने कष्ट उठाया। उन्होंने कहा कि देश का संविधान विपक्ष के नेताओं की रक्षा करेगा। सिसोदिया ने AAP कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपका प्यार और भगवान का आशीर्वाद ही मेरी ताकत है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए दी थी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में AAP के नेता मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को जमानत दे दी और कहा कि वह 17 माह से हिरासत में हैं। कोर्ट ने अधीनस्थ न्यायालयों की आलोचना करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई शुरू हुए बिना लंबे समय तक जेल में रखे जाने से वह शीघ्र सुनवाई के अधिकार से वंचित हुए हैं। जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने अपने निर्णय में कहा कि अब समय आ गया है कि निचली अदालतें और हाई कोर्ट इस सिद्धांत को स्वीकार करें कि 'जमानत एक नियम है और जेल एक अपवाद है।' बेंच ने कहा कि सिसोदिया की समाज में गहरी पैठ है और उनके देश छोड़कर जाने की कोई आशंका नहीं है।
शराब घोटाले का आरोप
बता दें कि मनीष सिसोदिया दिल्ली में शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले में आरोपी हैं। सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से वह जेल में ही बंद हैं। वह 530 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे। हालांकि, जमानत के दौरान उन्हें कई शर्तों का पालन करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दी है। ताकि वह विदेश न भाग सकें और तथ्यों के साथ छेड़छाड़ न कर सकें, जिससे ईडी या सीबीआई की जांच प्रभावित न हो। दोनों एजेंसियां उनके खिलाफ जांच कर रही हैं।
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