Tuesday, October 15, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. दिल्ली
  3. नामी अस्पतालों ने पैर काटने की सलाह दी थी, फिर दिल्ली के डॉक्टरों ने किया कमाल, मरीज के पैर से निकाला 3 KG का ट्यूमर

नामी अस्पतालों ने पैर काटने की सलाह दी थी, फिर दिल्ली के डॉक्टरों ने किया कमाल, मरीज के पैर से निकाला 3 KG का ट्यूमर

पैर में तीन किलो के ट्यूमर के कारण लगभग 6 महीने से बिस्तर तक सीमित और असहनीय दर्द से जूझ रहे एक मरीज के लिए दिल्ली के डॉक्टर भगवान साबित हुए हैं। मरीज को पैर कटवाने तक की सलाह दे दी गई थी लेकिन अब उसे इस दर्द से निजात मिला है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: October 15, 2024 7:26 IST
मरीज के पैर से तीन किलो...- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO मरीज के पैर से तीन किलो का ट्यूमर निकाला गया (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: दिल्ली के जाने-माने राजीव गांधी कैंसर अस्पताल के डॉक्टरों ने सात घंटे की सर्जरी के बाद 64 वर्षीय व्यक्ति के पैर से तीन किलो का एक बड़ा ट्यूमर निकालकर उसके पैर को कटने से बचाया। असहनीय दर्द से जूझ रहे इस मरीज के लिए डॉक्टर भगवान साबित हुए हैं। पैर में तीन किलो के ट्यूमर के कारण लगभग 6 महीने से बिस्तर तक सीमित यह व्यक्ति अब सफल सर्जरी के बाद चलने में सक्षम है।

स्टेज-2 सॉफ्ट टिशू कैंसर- लिपोसारकोमा

राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र (RGCIRC) में स्टेज-2 सॉफ्ट टिशू कैंसर- लिपोसारकोमा से पीड़ित एक मरीज की सात घंटे की सर्जरी के बाद ट्यूमर को निकाला गया। ऑर्थोपेडिक ऑन्कोलॉजी और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ. हिमांशु रोहेला और राजन अरोड़ा ने सर्जरी करने वाली टीम का नेतृत्व किया।

पैर काटने की दी गई थी सलाह

उन्होंने बताया कि मरीज को पूर्व में अस्पताल में इसलिए लाया गया था क्योंकि उसे कहीं और पैर कटाने की सलाह दी गई थी। अरोड़ा ने बताया, ‘‘मरीज की पिछली दो सर्जरी के रिकॉर्ड को देखते हुए हमने उसके मामले की सावधानीपूर्वक समीक्षा की और ट्यूमर हटाने का फैसला किया।’’

बता दें कि पैर का ट्यूमर एक असामान्य वृद्धि है जो पैर की अलग-अलग संरचनाओं में जैसे- हड्डियों, मांसपेशियों या त्वचा में विकसित हो सकता है। ये ट्यूमर आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं- बेनाइन (असामान्य लेकिन हानिकारक नहीं) और मैलिग्नेंट (कैंसरयुक्त)। बेनाइन ट्यूमर जैसे लिपोमा, सामान्यत: गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं नहीं पैदा करते, जबकि मैलिग्नेंट ट्यूमर जैसे ओस्टियोसारकोमा, आसपास के ऊतकों में फैल सकते हैं और जीवन के लिए खतरा बन सकते हैं। (भाषा इनपुट्स के साथ)

यह भी पढ़ें-

महिला के पेट से डॉक्टर्स ने निकाला 10 किलो का ट्यूमर, हैरान कर देगी सर्जरी की यह स्टोरी

सावधान! मोबाइल और इंटरनेट बन रहा है दिमाग का दुश्मन, बढ़ रहे हैं ब्रेन ट्यूमर के मामले

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement