Lumpy Virus in Delhi: दिल्ली में पिछले 10 दिनों के दौरान लंपी चर्म रोग के 358 मामले दर्ज किए गए हैं, हालांकि राजधानी में अब तक किसी भी मवेशी की इसके संक्रमण से मौत नहीं हुई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। दिल्ली में 11 सितंबर को 173 मवेशियों में लंपी चर्म रोग के होने की पुष्टि की गई थी। अगस्त के अंत में लंपी चर्म रोग के पहले मामले की पुष्टि हुई थी।
टीके की 25000 खुराकों की खरीद
दिल्ली के पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "दिल्ली में अब तक लंपी चर्म रोग के कुल 531 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और उसमें से 206 मवेशी संक्रमण से उबर चुके हैं। राजधानी में मौजूदा समय में 325 मवेशी लंपी चर्म रोग से पीड़ित हैं और उनका इलाज चल रहा है। पशुपालन विभाग के अधिकारी ने कहा कि सरकार ने बीमारी को फैलने से रोकने के लिए राजधानी में स्वस्थ मवेशियों के टीकाकरण के लिए टीके की 25,000 खुराकों की खरीद की है।
'जल्द ही टीके की और खुराकें आने की उम्मीद'
अधिकारी ने कहा, "टीकाकरण अभियान तीन से चार दिनों में शुरू हो जाएगा। जल्द ही टीके की और खुराकें आने की उम्मीद है। ये खुराक मुफ्त में दी जाएंगी।" दिल्ली में करीब 80 हजार मवेशी हैं। अधिकारी ने कहा कि सरकार टीकाकरण की 'मुद्रिका' रणनीति अपनाएगी,जिसमें प्रभावित क्षेत्रों के पांच किलोमीटर के दायरे में स्वस्थ मवेशियों को वायरस के उत्तरकाशी स्ट्रेन के साथ 'गोट पॉक्स' का टीका दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार ने चार सचल पशु चिकित्सालय तैनात किए
दिल्ली में लंपी चर्म रोग के ज्यादातर मामले दक्षिण-पश्चिम जिले में पाए गए हैं, जिनमें गोयला डेयरी क्षेत्र, रेवला खानपुर क्षेत्र, घुम्मनहेड़ा और नजफगढ़ शामिल हैं। दिल्ली सरकार ने लंपी चर्म रोग की चुनौती से निपटने के लिए चार सचल पशु चिकित्सालय तैनात किए हैं और नमूने एकत्र करने के लिए 11 त्वरित कार्रवाई दलों का गठन किया है। चार टीमें लोगों में इस वायरस को लेकर जागरुकता फैला रही हैं। सरकार ने बीमारी से संबंधित प्रश्नों के लिए हेल्पलाइन नंबर 8287848586 के साथ एक विशेष नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया है।
लंपी चर्म रोग मवेशियों से मनुष्यों में नहीं फैलता
लंपी चर्म रोग से पीड़ित आवारा पशुओं के लिए दक्षिण पश्चिम दिल्ली के रेवला खानपुर गौ सदन में पृथकवास वार्ड बनाया गया है। इस गौशाला में 4,500 मवेशी रह सकते हैं। लंपी चर्म रोग एक संक्रामक वायरल रोग है, जो मवेशियों के बीच मच्छरों, मक्खियों, जूं और ततैया के सीधे संपर्क से फैलता है। साथ ही दूषित भोजन और पानी के माध्यम से भी फैलता है। यह मवेशियों से मनुष्यों में नहीं फैलता है। केंद्र सरकार के मुताबिक, यह बीमारी गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में फैल चुकी है।