लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पार्टी अधिकारियों ने रविवार को जानकारी दी। लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में उन सभी बातों का जिक्र किया है, जिसके खिलाफ थे। उन्होंने ये भी बताया है कि वो दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन के खिलाफ थे।
AAP के साथ गठबंधन का फैसला
अरविंदर सिंह लवली ने अपने इस्तीफे में लिखा, "दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।" उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली में कांग्रेस को केवल तीन ही सीटें दी गईं। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि इन तीनों सीटों में दो सीटें बाहरी व्यक्तियों को दी गई।
कन्हैया और उदित राज पर निशाना
दिल्ली की दो सीटों पर बाहरी व्यक्ति को लेकर अरविंदर सिंह लवली का निशाना कन्हैया कुमार और उदित राज पर था। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के ऐलान से पहले सूचित नहीं किया गया। लवली ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता की नियुक्ति से रोका गया। इस तरह के कई कारण हैं, जिसके चलते उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उत्तर-पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है, तो वहीं उत्तरी पश्चिमी दिल्ली से उदित राज को टिकट दिया है।
कांग्रेस प्रभारी को लेकर नाराजगी
अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे की एक बड़ी वजह दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया को लेकर नाराजगी भी है। पिछले दिनों संदीप दीक्षित ने दीपक बावरिया की बैठक में कन्हैया कुमार को टिकट दिए जाने का विरोध किया था। इसके बाद उदित राज को लेकर हुई बैठक में पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान ने विरोध किया था। इसके बाद राजकुमार चौहान ने इस्तीफा दे दिया था और और इस्तीफा देने की वजह दीपक बावरिया को बताया था।
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