नयी दिल्ली: उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने दिल्ली के लिए मास्टर प्लान -2041 (एमपीडी) के मसौदे को मंगलवार को मंजूरी दे दी और कहा कि इसका ध्यान समावेशी विकास, स्थिरता और नवोन्मेषी हस्तक्षेप जैसे कि ट्रांजिट उन्मुख विकास हब, लैंड पूलिंग, विरासत और यमुना कायाकल्प तथा शहर के पुनरुद्धार पर केंद्रित है। अधिकारियों ने बताया कि यहां राज निवास में साढ़े तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता उपराज्यपाल ने की, जो दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अध्यक्ष भी हैं।
नए युग की होगी शुरुआत-डीडीए
डीडीए ने एक बयान में कहा कि प्राधिकरण ने अपनी बैठक में ‘जहां झुग्गी वहां मकान’ के तहत पुनर्वास के लिए महिला लाभार्थियों से जुड़े दिशा निर्देशों में छूट देने का भी फैसला लिया। इसमें कहा गया कि डीडीए ने अपने प्राधिकरण की बैठक में ‘‘मास्टर प्लान-2041 के मसौदे को स्वीकृति देने समेत अहम फैसले लिए जिससे विकास के नए युग की शुरुआत होगी और राष्ट्रीय राजधानी के भविष्य के विकास को मार्गदर्शन मिलेगा।’’
समाज के सभी वर्गों के लिए पर्याप्त आवास
बयान में उपराज्यपाल के हवाले से कहा गया कि एमपीडी-2041 का ध्यान ‘‘समावेशी विकास, पर्यावरणीय सततता, हरित अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित है जिसमें समाज के सभी वर्गों के लिए पर्याप्त आवास, ट्रांजिट उन्मुख विकास जैसे नवोन्मेषी हस्तक्षेप, भूमि पूलिंग, हरित क्षेत्र विकास और शहर का पुनरुद्धार शामिल है।’’
जल्दबाजी में दी गयी मंजूरी
इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक और डीडीए सदस्य सोमनाथ भारती ने एक बयान में कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर एमपीडी-2041 के मसौदे को पारित करने के एजेंडे का विरोध किया और आरोप लगाया कि इसे ‘‘जल्दबाजी’’ में मंजूरी दी गयी।
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