दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय सक्सेना ने डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन ऑफ दिल्ली के उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह को पद से हटाने का आदेश जारी किया है। एलजी के आदेश के बाद DDCD दफ्तर को सील कर दिया गया है। जैस्मीन शाह पर अपने दफ्तर के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप है। LG ने सीएम को डीडीसी के उपाध्यक्ष के रूप में "अपने कर्तव्यों का निर्वहन" करने और वीसी, डीडीसी के कार्यालय से जुड़े किसी भी "विशेषाधिकार और सुविधाओं" का उपयोग करने से रोकने के लिए सीएम को तत्काल प्रभाव से "निर्णय लेने तक" का निर्देश दिया है।
अरविंद केजरीवाल ने जैस्मीन शाह को पद से न हटाने का दिया था आश्वासन
LG के इस आदेश को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अरविंद केजरीवाल ने कुछ महीने पहले ही जैस्मीन शाह की तारीफ की थी और उन्हें न हटाने का इशारा किया था। बता दें कि कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा करके कहा था कि LG को DDCD मामले में कार्रवाई का अधिकार नहीं है। इसके पीछे उन्होंने यह तर्क दिया था कि जैस्मिन शाह को कैबिनेट ने नियुक्त किया है, इसलिए कैबिनेट ही कार्रवाई कर सकती है। BJP के सासंद प्रवेश वर्मा ने जैस्मीन शाह पर सरकारी पद पर रहते हुए आम आदमी पार्टी के लिए काम करने का आरोप लगाया था। इसके जरिए वह लगातार जैस्मीन शाह के बहाने दिल्ली सरकार पर लगातार निशाना साध रहे थे।
CM अरविंद केजरीवाल को LG का आदेश मानना ही होगा
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के सक्सेना ने CM केजरीवाल को DDCD उपाध्यक्ष जैसमीन शाह को पद से हटाने का आदेश दिया है। उन्होंने यह आरोप लगाते हुए कहा है कि जैस्मीन शाह ने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपने कार्यालय का दुरुपयोग किया है इसलिए उन्हें डीडीसीडी के उपाध्यक्ष के पद से हटाया जाए। हांलाकि LG सक्सेना ही दिल्ली के प्रशासक हैं, इसलिए अरविंद केजरीवाल को उनकी बात माननी ही पड़ेगी।