दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके से 31 मई को सुबह 7:56 बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि एक घर से बदबू आ रही है। पड़ोसी ने पुलिस को सूचना दी थी कि यहां मां-बेटी रहती हैं, जो तीन-चार दिन से दिखाई नहीं दे रही हैं। सूचना पर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और खिड़की को तोड़कर जब घर के अंदर दाखिल हुई, तो वहां दो लाशें मिलीं, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और घटना के खुलासे के लिए कई टीमों को लगाया गया।
घटना को लेकर पुलिस ने 200 से ज्यादा सीसीटीवी को खंगाला, तब जाकर सुराग हाथ लगा और पुलिस उस घर तक पहुंची जहां आरोपी रहते थे। हालांकि, घटना की मीडिया में रिपोर्ट के बाद आरोपियों को पता चल गया था, इसलिए वह फरार हो गए। टेक्निकल टीम ने जांच की और फिर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। डीएसपी शाहदरा रोहित मीना ने बताया कि आरोपी काफी शातिर है और एक दूसरे से व्हाट्सएप कॉल पर एक टाइम फिक्स करके बातचीत करते थे।
आरोपियों के संभावित जगहों पर छापेमारी
पुलिस ने इनके सभी संभावित जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान 5 शहरों में छापेमारी की गई और 2000 किलोमीटर का सफर तय किया। इसके साथ ही 200 लोगों से पूछताछ भी की गई, तब एक आरोपी अंकित कुमार सिंह तिमारपुर से गिरफ्तार किया गया, जबकि दूसरा आरोपी फरार चल रहा था और उसको अंकित के पकड़े जाने की जानकारी मिल गई थी। इसके बाद दूसरा आरोपी कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में था, तभी कृष्णा नगर की टीम ने उसे पकड़ लिया।
महिला की बेटी को कंप्यूटर पढ़ा रहा था
वारदात में शामिल दूसरा आरोपी का नाम किशन है, जो लक्ष्मी नगर का रहने वाला है। किशन एक नोएडा की कंपनी मार्केटिंग मैनेजर था। इसके साथ ही पार्ट टाइम होम ट्यूशन का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया था, जिसके जरिए पीड़ित महिला राजरानी (उम्र 73 वर्ष) का किशन से संपर्क हुआ था। राज रानी की बेटी को किशन कंप्यूटर अप्रैल महीने से पढ़ा रहा था। इस दौरान आरोपी किशन ने परिवार का विश्वास भी जीत लिया। परिवार में घुलमिल जाने की वजह से किशन को राजरानी के बैंक खाते की जानकारी मिली तो पता चला कि महिला के बैंक खाते में 50 लाख रुपये थे, तभी से किशन लूटने का प्लान किया।
अकाउंट से पैसे निकालने के लिए वकीलों से संपर्क
किशन पहले दो वकील से संपर्क किया कि अकाउंट से पैसे ऑनलाइन कैसे निकाला जा सकता है और कैसे गायब हो सकते हैं, लेकिन राजरानी ने अपने बैंक खाते में डेबिट कार्ड और ऑनलाइन बैंकिंग बंद किया हुआ था, जिसकी वजह से सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद किशन और अंकित सिंह दोनों आपस में लूट की प्लानिंग करने लगे। दोनों ने 17 मई को एक मिशन मालामाल चालू किया और इस मिशन में आपस में बातचीत की और दूसरे आरोपी अंकित को बंगाल से बुलाया गया। 24 मई को ट्रेन से अंकित दिल्ली आया और उसको ओयो होटल में रुकवाया गया। वारदात के दिन दोनों जगह की रेकी की गई और चाकू खरीदे गए।
अंकित को इंग्लिश टीचर के रूप में कराया परिचय
महिला को अपनी बेटी के लिए एक इंग्लिश टीचर की जरूरत थी। किशन ने अंकित को इंग्लिश टीचर के रूप में राजरानी से परिचय कराया, तब दोनों महिला के घर अपने बैग लेकर पहुंचे। महिला के घर के गेट पर कैमरा लगा हुआ था, जब तक कैमरे में पहचान नहीं हो सकती, तब तक घर के दोनों गेट नहीं खुल सकते। 27 मई को 9:50 बजे पर दोनों घर में घुसे और दोनों की बेरहमी से कत्ल किया और घर में लूटपाट की। मौके पर जो भी सबूत थे उन्हें नष्ट कर दिया और 11:10 बजे पर वहां से बाहर निकल गए। दोनों यहां से सीधा लखनऊ की ओर भाग गए और वहां से फिर दोबारा अकाउंट से छेड़छाड़ करने की कोशिश की। आरोपी किशन कंप्यूटर ग्रेजुएट है।
मां-बेटी की हत्या में आरोपी को कई जगहों पर लगी चोट
आरोपियों ने सभी सबूत मिटाने की कोशिश की। मौके से खून साफ किया गया। जिस स्क्रीन में रिकॉर्डिंग हुई थी वह उसे भी तोड़कर ले गए और गोंडा में ले जाकर नष्ट कर दिया। मां-बेटी की हत्या में किशन को भी कई जगहों पर चोट लगी थी, तो ब्लड निकल रहा था और उसने एक केमिस्ट से दवाइयां लीं। दोनों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए ट्रेन में जाते समय अन्य यात्रियों का फोन इस्तेमाल किया। उनका हॉटस्पॉट यूज किया। साथ ही दोनों ने एक दूसरे से कम्युनिकेशन गैपिंग रखा। पहले गोंडा गए फिर वापस आए और नॉर्मल जिंदगी शुरू की। दूसरा आरोपी अंकित कुमार एक ओटीटी के लिए भी गाना गाता रहा है। अंकित अपकमिंग आर्टिस्ट है। 25 मार्च को इसकी जॉब चली गई थी। पहले दिल्ली के अशोक नगर में रहकर अपना सिंगिंग कोचिंग भी चलाया था, इसलिए काफी लोगों से इसकी जान पहचान थी। पुलिस ने इनके पास से तीन आईफोन जो मां-बेटी के थे और तीन लैपटॉप बरामद किया है।