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जानें कौन हैं IAS आशीष मोरे, जिन्हें केजरीवाल सरकार से मिला था नोटिस

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही दिल्ली सरकार ने IAS आशीष मोरे का ट्रांसफर कर दिया था। इसके बाद से ही सचिव IAS आशीष सचिवालय नहीं आ रहे थे।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: May 17, 2023 11:52 IST
IAS Ashish more- India TV Hindi
Image Source : TWITTER IAS आशीष मोरे

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली में इन दिनों एक नाम की चर्चा तेजी से हो रही है। वो हैं IAS आशीष मोरे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आशीष मोरे वर्तमान में दिल्ली सरकार के सर्विसेज डिपार्टमेंट में सचिव हैं। सुप्रीच कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार ने इनका ट्रांसफर कर दिया था, पर अतिरिक्त सचिव ने इस पर कहा था कि केजरीवाल सरकार के पास अभी अधिकारियों को ट्रांसफर या पोस्टिंग करने का अधिकार नहीं है क्योंकि गृह मंत्रालय ने अपना आदेश न ही रद्द किया है और न ही वापस लिया है। बता दें कि दिल्ली सरकार के विभागीय मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मोरे को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

जानें कौन हैं आशीष मोरे?

आशीष मोरे का जन्म 1980 में हुआ था। ये महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। इनका पीरा नाम आशीष माधवराव मोरे। जानकारी के मुताबिक, मोरे 1995 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने आर्ट स्ट्रीम से ग्रेजुएशन किया है। मोरे साल 2022 में दिल्ली सरकार के सर्विसेज डिपार्टमेंट में सचिव हैं। इससे पहले भी मोरे ने दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव के रूप में काम किया है।

बिना किसी को बताए सचिवालय से गायब

दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने IAS मोरे को कारण बताओ नोटिस देते हुए जवाब मांगा था। बता दें कि नए सचिव (सेवा विभाग) की तैनाती के संबंध में मंत्री के निर्देशों का पालन करने से इंकार करने और बिना बताए कार्यालय से अनुपस्थित रहने के बाद मोरे को ये नोटिस थामाया गया था। वहीं, इससे पहले 11 मई को मंत्री ने मोरे को इस पद से अपना ट्रांसफर करने और उनकी जगह अन्य अधिकारी की तैनाती के लिए फाइल तैयार करने को कहा था। मोरे ने मंत्री से संबंधित फाइल को उसी दिन दोपहर 3 बजे से पहले पेश करने का भरोसा भी दिया, लेकिन, ऐसा करने के बजाय वह बिना किसी को बताए सचिवालय से गायब हो गए।

मंत्री के मैसेज व कॉल को किया नजरअंदाज

इसके बाद मंत्री और उनके कार्यालय ने मोरे से मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की, पर उन्होंने किसी भी कॉल का उत्तर नहीं दिया। बाद में उन्होंने मोबाइल ऑफ कर दिया। इसके बाद मंत्री ने उन्हें वाट्सएप पर मैसेज भी भेजे, पर उन्होंने उसे भी नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद से ही मोरे सचिवालय में नहीं आ रहे थे।  फिर सरकार ने मोरे को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी। इसके बाद आईएएस वापस आए। जानकारी दे दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बड़ा फैसला सुनाते हुए आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को सेवाओं पर नियंत्रण का अधिकार दिया था।

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