Highlights
- हाईकोर्ट ने ‘सैनिटरी नेपकिन’ की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
- जनवरी 2021 से दिल्ली सरकार स्कूलों में छात्राओं सैनिटरी नेपकिन नहीं दे रही
- किशोरी योजना के तहत दी जाने वाली सेनेटरी नेपकिन को लेकर चल रही थी सुनवाई
Kishori Yojana: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली सरकार को किशोरी योजना के तहत सरकारी स्कूलों में छात्राओं को ‘सैनिटरी नेपकिन’ की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ को दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने सूचित किया कि उसके सरकारी स्कूलों और सरकारी-सहायता प्राप्त स्कूलों में सैनिटरी नेपकिन की आपूर्ति के लिए ई-निविदा जारी की गई है और इसमें प्रगति हुई है। दिल्ली सरकार की ओर से पेश स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि अदालत के पूर्ववर्ती आदेश के अनुपालन के तहत सभी संबंधित स्कूलों के प्रमुखों, शिक्षा उप निदेशक और अन्य अधिकारियों को मामले से अवगत कराया गया है और जुलाई 2022 से कक्षा छठी से 12वीं में नामांकित छात्राओं को वितरण के लिए सरकारी ई-मार्केटप्लेस के जरिए सैनिटरी नेपकिन की खरीद के लिए पर्याप्त धन दिया गया है।
पीठ ने कहा कि अंतरिम व्यवस्था की गई है और याचिका में आगे किसी आदेश का अनुरोध नहीं किया गया है। सरकार भविष्य में भी किशोरी योजना के तहत छात्राओं को सैनिटरी नेपकिन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। अदालत ने एक गैर-सरकारी संगठन ‘सोशल ज्यूरिस्ट’ की याचिका का निपटारा किया, जिसमें दावा किया गया कि शिक्षा निदेशालय (DOE) जनवरी 2021 से दिल्ली सरकार के स्कूलों में छात्राओं को किशोरी योजना के तहत सैनिटरी नेपकिन उपलब्ध नहीं करा रहा है, जिसके कारण उन्हें समस्या का सामना करना पड़ रहा है।