नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के इस आंदोलन की वजह से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। न सिर्फ लोगों की दिल्ली आने जाने में परेशानी हो रही है बल्कि अन्य राज्यों से दिल्ली आने वाले फल-सब्जियों के वाहन भी राजधानी कम तादाद में पहुंच पा रहे हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट कर उन रास्तों की जानकारी दी है जो किसान आंदोलन की वजह से बंद हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से निवेदन किया है कि वो दिल्ली आने के लिए बंद किए गए रास्तों का इस्तेमाल न करें, ताकि उन्हें असुविधा न हो।
कौन से रास्ते बंद, कौन से खुले
- कालिंदी कुंज, सूरजकुंड, बदरपुर और आयानगर बॉर्डर दोनों तरफ से ट्रैफिक मूवमेंट के लिए खुली हुई हैं।
- सिंधू, औचंदी, लामपुर, प्याऊ मनियारी, मंगेश बॉर्डर दोनों तरफ से बंद हैं। NH-44 दोनों तरफ से बंद है। ऐसे में लोगों साफियाबाद, सबोली, NH8,भोपरा, अपसरा बॉर्डर और पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का प्रयोग करें।
- झटीकरा बॉर्डर सिर्फ दो पहिया वाहनों के लिए खुली है।
- हरियाणा आने जाने खुले रास्ते- धानसा, दौराला, कापसहेड़ा, राजोकरी NH8, बिजवासन, बाजगहेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डरय़
- टिकरी, झड़ौदा ट्रैफिक मूवमेंट के लिए पूरी तरह बंद।
- बदुसराय बॉर्डर सिर्फ कार और दो पहिया वाहनों के लिए खुली हुई है।
- गाजीपुर बार्डर- NH-24 का गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाला portion बंद। दिल्ली जाने के लिए आम लोगNH-24 की जगह अपसरा, भोपुरा या डीएनडी बॉर्डर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाला चिल्ला बॉर्डर बंद। लोगों नोएडा लिंक रोड के बजाय डीएनडी का उपयोग कर सकते हैं।
पांचवें दौर के बाद भी सफलता नहीं, अगली बैठक नौ दिसंबर को
सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही, जहां किसान संगठनों के नेता नये कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग पर अड़े रहे और इस मुद्दे पर सरकार से ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब की मांग करते हुए ‘मौन व्रत’ पर चले गये। इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है।तीन केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चार घंटे से अधिक देर तक चली बातचीत के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे के समाधान के लिए अंतिम प्रस्ताव पेश करने के वास्ते आंतरिक चर्चा के लिए और समय मांगा है। हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार बैठक में मौजूद 40 कृषक नेताओं से उनकी प्रमुख चिंताओं पर ठोस सुझाव चाहती थी। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके सहयोग से समाधान निकाला जाएगा।
किसानों ने आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ की घोषणा की है और चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो आंदोलन तेज किया जाएगा तथा राष्ट्रीय राजधानी आने वाले और मार्गों को अवरुद्ध कर दिया जाएगा। ट्रेड यूनियनों और अन्य अनेक संगठनों ने इसमें उन्हें समर्थन जताया है। बैठक में कृषि मंत्री तोमर ने किसान नेताओं से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को प्रदर्शन स्थलों से घर वापस भेजने की अपील की। तोमर ने सरकार की ओर से वार्ता की अगुवाई की। इसमें रेल, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने भी भाग लिया।