Sunday, November 24, 2024
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वायु प्रदूषण: दिल्ली सरकार की आपात बैठक शुरू, सीएम केजरीवाल समेत कई मंत्री मौजूद

अधिकारियों ने बताया कि बैठक शाम पांच बजे होगी जिसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली के मुख्य सचिव शिरकत करेंगे।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 13, 2021 17:32 IST
दिल्ली वायु प्रदूषण: केजरीवाल ने बुलाई आपात बैठक, SC ने कहा- यह आपात स्थिति है - India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली वायु प्रदूषण: केजरीवाल ने बुलाई आपात बैठक, SC ने कहा- यह आपात स्थिति है 

नयी दिल्ली: दिल्ली व आससपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को लेकर तत्काल कदम उठाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दिल्ली सरकार की इमरजेंसी मीटिंग शुरु हो गई है।दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए इमरजेंसी मीटिंग में सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली के मुख्य सचिव भी मौजूद हैं।

वहीं दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई करते हुए वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर चिंता जताई और कहा कि तुरंत ही इस पर फैसला लिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो लॉकडाउन भी लगाया जाए। प्रदूषण के लिए सिर्फ किसान जिम्मेदार नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि पराली के अलावा गाड़ियों, उद्योग, धूल और दूसरी अन्य चीजों से भी प्रदूषण फैलता है उस भी ध्यान दें। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण में वृद्धि को “आपातकालीन स्थिति” करार दिया और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। न्यायालय ने दिल्ली में स्कूलों को फिर से खोलने पर भी संज्ञान लिया और वाहनों की आवाजाही बंद करने तथा दिल्ली में लॉकडाउन लगाने जैसे कदम तत्काल उठाने को कहा।

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर कहा- यह आपात स्थिति है 

उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी को “आपात” स्थिति करार दिया और केंद्र एवं दिल्ली सरकार से कहा कि वे वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए आपात कदम उठाएं। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि प्रदूषण की स्थिति इतनी खराब है कि लोग अपने घरों के भीतर मास्क पहन रहे हैं। इस पीठ में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे।

इस पीठ ने कहा, ‘‘हर किसी को किसानों को जिम्मेदार ठहराने की धुन सवार है। क्या आपने देखा कि दिल्ली में पिछले सात दिनों में कैसे पटाखे जलाए गए हैं? यह आपात स्थिति है, जमीनी स्तर पर कई कदम उठाने की जरूरत है।’’ सर्वोच्च अदालत ने केंद्र से सोमवार को जवाब मांगा है।

न्यायालय ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल खुल गए हैं और प्रशासन से कहा कि वाहनों को रोकने या लॉकडाउन लगाने जैसे कदम तत्काल उठाए जाएं। केंद्र सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब में पराली जलाई जा रही है। पीठ ने कहा, ‘‘आपका मतलब यह लगता है कि सिर्फ किसान जिम्मेदार हैं। दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने से जुड़े कदमों का क्या है?’’ मेहता ने स्पष्ट किया कि उनका कहने का मतलब यह नहीं है कि सिर्फ किसान जिम्मेदार हैं। 

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