नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को घोषणा की कि 75वें स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली सरकार बच्चों के मन में देशभक्ति की भावना भरने के लिए अपने स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम लागू करेगी। केजरीवाल को इसकी शुरुआत करने के लिए देशभक्ति पाठ्यक्रम रूपरेखा की एक प्रति भेंट की गई। उन्होंने कहा, ‘‘हम 70 साल तक भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित पढ़ाते रहे, बच्चों को देशभक्ति सिखाने के बारे में किसी ने नहीं सोचा। मुझे खुशी है कि बच्चों के मन में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए दिल्ली के स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।’’
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देशभक्ति पाठ्यक्रम स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने में मदद करेगा और स्वतंत्रता दिवस का उत्सव स्कूलों में प्रतीकात्मक नहीं रहेगा, बल्कि अब इसका एक वास्तविक अर्थ होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हर दिन स्वतंत्रता की भावना का जश्न मनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और पाठ्यक्रम की रूपरेखा बनाने की प्रक्रिया में बहुत कुछ सीखा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने दो साल पहले देशभक्ति पाठ्यक्रम पर काम करना शुरू किया, तो हमें नहीं पता था कि यह कैसा होगा और यह कैसे होगा। यह एक गतिशील और लगातार विकसित होने वाली प्रक्रिया है। हमने इस दौरान बहुत कुछ सीखा है और आगे समय के साथ सीखना जारी रखेंगे। हमें मूल्यांकन का भी गहनता से ध्यान रखना होगा। अपने वास्तविक अनुभवों को ध्यान में रखते हुए हमें निष्पक्ष रूप से यह आकलन करना होगा कि क्या वास्तव में हमारे बच्चों के मन में देशभक्ति की भावना उत्पन्न हो रही है।’’
केजरीवाल ने 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में देशभक्ति पाठ्यक्रम की दृष्टि की घोषणा की थी। देशभक्ति पाठ्यक्रम समिति ने ढांचा प्रस्तुत किया, जिसे शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण की राज्य परिषद (एससीईआरटी) की संचालन परिषद द्वारा 6 अगस्त को अनुमोदित किया गया।
शनिवार को एससीईआरटी के निदेशक ने केजरीवाल को देशभक्ति पाठ्यक्रम की रूपरेखा की एक प्रति भेंट की। उनके साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी थे। सिसोदिया ने मुख्यमंत्री को देशभक्ति पाठ्यक्रम पेश करते हुए कहा कि देशभक्ति दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने और सीखने का मार्गदर्शक होगा।